पूर्व मंत्री अमरमणि के कार्यालय को बस्ती पुलिस ने किया सील, इस अपहरण कांड में शामिल था नाम

 अपहरण के 22 वर्ष पुराने मामले में फरार चल रहे पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी के कार्यालय की कुर्की करने शनिवार को नौतनवां पहुंची बस्ती पुलिस दो कमरों को सील करके लौट गई। कुर्की की कार्रवाई बस्ती के एमपी एमएलए कोर्ट के आदेश पर हो रही है।

बस्ती पुलिस के कार्यालय पहुंचते ही बड़ी संख्या में उनके समर्थक जुट गए। पुलिस टीम और नौतनवा नगर पालिका प्रशासन के बीच घंटों इस बात पर पेंच फंसा रहा कि अमरमणि की संपत्ति कहां से कहां तक है। अंततः चिंहित कार्यालय भवन के दो कमरों को सील करने पर सहमति बनी।

मधुमिता हत्याकांड में आजीवन कारावास की सजा माफ होने के बाद अगस्त, 2023 में अमरमणि त्रिपाठी रिहा हुए हैं। लेकिन, बस्ती में व्यापारी पुत्र के अपहरण के मामले में उनकी दिक्कत बढ़ती जा रही है।

पिछली सुनवाई पर बस्ती की एमपी-एमएलए कोर्ट ने पुलिस को कड़ी फटकार लगाते हुए 15 अप्रैल तक अमरमणि की संपत्ति कुर्क करके रिपोर्ट प्रस्तुत करने का अंतिम अवसर दिया था। इस मामले में सुनवाई के दौरान अमरमणि त्रिपाठी के लगातार गैरहाजिर रहने पर कोर्ट ने उन्हें भगोड़ा घोषित कर रखा है।

ये है मामला

छह दिसंबर, 2001 को बस्‍ती के व्‍यापारी धर्मराज मद्धेशिया के बेटे राहुल का अपहरण हो गया था। पुलिस ने उसे लखनऊ में तत्कालीन मंत्री अमरमणि त्रिपाठी के लखनऊ स्थित घर से बरामद किया था। इस मामले में अमरमणि सहित नौ को आरोपित बनाया गया है। जेल से छूटने के बाद भी अमरमणि इस प्रकरण में कोर्ट में पेश नहीं हुए। इसी मामले को लेकर कुर्की की कार्रवाई चल रही है।