रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, सेना का बढ़ाएंगे पराक्रम

गलवान में भारत -चीन तनाव के बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंहका दौरा करेंगे। रविवार को राजनाथ सिंह लद्दाख दौरे पर जाएंगे। अपने दो दिवसीय दौरे के दौरान राजनाथ सिंह एलएससी पर सेना की ऑपरेशनल तैयारियों का जायजा लेंगे। सूत्र यह दावा कर रहे हैं कि एलएसी के पास कुछ सड़कों का भी उद्घाटन कार्यक्रम तय किया गया है। पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन के बीच पिछले 1 साल से विवाद की स्थिति है। ऐसे में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का लद्दाख दौरा अपने आप में काफी महत्वपूर्ण है। कल ही राजनाथ ने कहा था कि कहा कि गलवान गतिरोध के दौरान नौसेना की सक्रिय अग्रिम तैनाती ने हमारे इरादे का संकेत दिया कि हम शांति चाहते हैं लेकिन किसी भी घटना के लिए तैयार हैं

भले ही पैंगोंग उत्तरी और दक्षिणी किनारे में दोनों देशों के सैनिक पीछे हटने लगे हैं लेकिन अब भी वहां 50 से 60 हजार सैनिकों की तैनाती है। ऐसे में वहां की स्थिति क्या है इसका आकलन लगाया जा सकता है। भारत एलएसी के पास अपने इंफ्रास्ट्रक्चर को सुधारने में लगा हुआ है। भारत की कोशिश यह है की एलएसी के पास अपने इंफ्रास्ट्रक्चर को इतना मजबूत किया जाए कि जरूरत की स्थिति में वह रक्षा के लिए भी काम आ सके। एक हफ्ते पहले ही रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह अरुणाचल प्रदेश गए थे जहां उन्होंने 12 सड़कों को राष्ट्र को समर्पित किया था। अरुणाचल में अपने संबोधन के दौरान रक्षा मंत्री ने कहा कि सामरिक सड़कों से संपर्क को बढ़ावा मिलता है साथ ही साथ अंतरराष्ट्रीय सीमाओं के पास सुरक्षा बल तेजी से आवाजाही कर सकते हैं।उन्होंने कहा कि बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन पाकिस्तान और चीन पर रहने वाले लोगों की सुविधा और सैनिकों की सुगम आवाजाही के लिए लगातार सड़कों का जाल बिछा रहा है। संसद में पेश किए गए आंकड़ों के मुताबिक देशभर के सीमावर्ती राज्यों में कुल 272 रोड पर काम जारी है जिसमें जम्मू कश्मीर, अरुणाचल प्रदेश, लद्दाख में सबसे ज्यादा सड़के शामिल है। आंकड़ों के मुताबिक अरुणाचल प्रदेश में 60 से ज्यादा सड़कों पर काम चल रहा है। जम्मू कश्मीर में लगभग 60 और लद्दाख में भी 40 सड़कों पर लगातार काम जारी है। भारत की कोशिश खासकर यह है कि चीन बॉर्डर पर उसके निर्माण कार्यो में तेजी रहे। दूसरी तरफ चीन लगातार अपने क्षेत्र में इंफ्रास्ट्रक्चर को खड़ा कर रहा है। भारत इसे अपने लिए चुनौती के रूप में देख रहा है। ऐसे में भारत की तरफ से भी अपने इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने की कोशिश की जा रही है।