BJP-Congress ने kejriwal को घेरा

दिल्ली में यमुना के बड़े जलस्तर की वजह से कई इलाके जलमग्न हो गए हैं। लगातार राहत और बचाव कार्य जारी है। हालांकि, इसको लेकर राजनीति भी जबरदस्त तरीके से हो रही है। दिल्ली सरकार और आम आदमी पार्टी पूरे मामले को लेकर हरियाणा पर दोषारोपण कर रही है। आम आदमी पार्टी के नेताओं का दावा है कि हथिनी कुंड बैराज से लगातार पानी छोड़े जा रहे हैं जिसकी वजह से दिल्ली में यह स्थिति पैदा हुई है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की ओर से इसमें हस्तक्षेप के लिए गृह मंत्री अमित शाह को भी पत्र लिखा गया था।

हरियाणा के मुख्यमंत्री का बयान

हथिनी कुंड बैराज से पानी छोड़ने पर हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि अभी जो बाढ़ आया है वो प्राकृतिक आपदा है, इस पर राजनीति नहीं करनी चाहिए। पहाड़ी राज्यों में जो बारिश हुई है, अचानक उसका प्रभाव हमारी नदियों में बढ़ा है। उन्होंने कहा कि यमुना में 1 लाख क्यूसेक पानी था जो अगले दिन अचनाक 3.70 लाख क्यूसेक हो गया। जहां तक पानी छोड़ने का सवाल है, हमने अरविंद केजरीवाल को बताया है कि बैराज में एक सीमित मात्रा में पानी को नियंत्रित कर सकते हैं। बैराज की क्षमता 1 लाख क्यूसेक पानी की है, उससे अधिक जो भी पानी होगा उसे रोकना मुश्किल है। उन्होंने कहा कि वहां से पानी छोड़ने के बाद सबसे पहले हरियाणा खुद प्रभावित हुआ है। हमारे कुछ ज़िलों के बाद दिल्ली आता है। इससे हम खुद प्रभावित हैं। उन्हें(अरविंद केजरीवाल) इस प्रकार का विषय नहीं रखना चाहिए कि पानी ज्यादा छोड़ा गया है।

भाजपा-कांग्रेस का वार

कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा कि इसी दोषारोपण की वजह से दिल्ली के लोगों को खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। अरविंद केजरीवाल ने पत्र लिखकर कहा कि हथिनिकुंड से पानी न छोड़ा जाए। क्या हरियाणा के लोग डूब जाएं? उन्होंने कहा कि वहां से पानी छोड़ा जाना था और पानी आगे निकलना था। आपने नाले साफ नहीं किए। आप अपने इन्फ्रास्ट्रक्चर का रखरखान नहीं रखते तो इसका खामियाजा लोगों को भुगता था। केंद्रीय मंत्री मिनाक्षी लेखी ने कहा कि दिल्ली ने उन लोगों को वोट दिया है जो दिल्ली की मदद के लिए आज तैयार नहीं हैं। हर समय जब विपदा आती है तब काम करने की जगह वे(AAP) बोलते हैं कि ये गृह मंत्रालय का काम है, ये LG ने  किया है, हरियाणा पानी छोड़ रहा है, पर काम नहीं करते। उनके बयान में पंजाब खो जाता है…कोरोना के समय में केंद्र ने उन्हें ऑक्सीजन दिया था लेकिन उनके पास ऑक्सीजन रखने के पर्याप्त साधन नहीं थे।