रक्षा बजट में इस साल फिर हुआ इजाफा, जानें चीन-पाकिस्तान के मुकाबले कहां खड़ा है भारत?

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को देश का बजट पेश किया। इसमें रक्षा क्षेत्र के लिए होने वाले खर्चों का भी ब्योरा दिया गया है। बजट दस्तावेजों के मुताबिक, इस साल रक्षा बजट 5.94 लाख करोड़ रुपये तय किया गया है, जो कि 2022-23 के 5.25 लाख करोड़ रुपये के बजट से 12.95 फीसदी ज्यादा है। यानी एक बार फिर रक्षा बजट में बढ़ोतरी दर्ज की गई है।

हथियारों, विमानों, सैन्य साजोसामान के लिए कितना बजट?
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को संसद में आम बजट पेश किया। इसमें पूंजीगत व्यय के लिए कुल 1.62 लाख करोड़ रुपये अलग रखे गए हैं। इनमें नए हथियार, विमान, युद्धपोत और अन्य सैन्य साजोसामान की खरीद शामिल है। गौरतलब है कि वित्त वर्ष 2022-23 में, पूंजी परिव्यय के लिए बजटीय आवंटन 1.52 लाख करोड़ रुपये था, लेकिन संशोधित अनुमान के अनुसार व्यय 1.50 लाख करोड़ रुपये था।

वेतन-भुगतान के लिए कितना बजट आवंटित?
अगले वित्त वर्ष के बजट दस्तावेजों के अनुसार, राजस्व व्यय के लिए 2,70,120 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है जिनमें वेतन भुगतान और प्रतिष्ठानों के रखरखाव पर होने वाले खर्च शामिल हैं। वित्त वर्ष 2022-23 में राजस्व व्यय के लिए बजटीय आवंटन 2,39,000 करोड़ रुपये था। 2023-24 के बजट में, रक्षा मंत्रालय (सिविल) के लिए पूंजीगत परिव्यय 8,774 करोड़ रुपये आंका गया है, जबकि पूंजीगत परिव्यय के तहत 13,837 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की गई है।

रक्षा पेंशन के लिए अलग से 1,38,205 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की गई है। पेंशन परिव्यय सहित कुल राजस्व व्यय 4,22,162 करोड़ रुपये रहने का अनुमान है। बजट दस्तावेजों के अनुसार, रक्षा बजट का कुल आकार 5,93,537.64 करोड़ रुपये है।

पाकिस्तान के मुकाबले भारत का बजट कितना?

पाकिस्तान ने 2022-23 के लिए रक्षा बजट 1 लाख 52 हजार करोड़ पाकिस्तानी रुपया (PKR) रखा है। भारत की करेंसी के हिसाब से यह 46 हजार 689 करोड़ रुपये के बराबर है। इस लिहाज से देखा जाए तो भारत का रक्षा बजट (5.94 लाख करोड़ रुपये) पाकिस्तान से 13 गुना ज्यादा है। भारत में सिर्फ रक्षा सेवाओं और प्रशासनिक खर्चों (तनख्वाह, पेंशन) को ही जोड़ लिया जाए, तो यह पाकिस्तान के रक्षा बजट के मुकाबले करीब नौ गुना है।

चीन के मुकाबले कहां खड़ा है भारत?

दूसरी तरफ चीन की बात की जाए तो उसका बजट हर साल मार्च में आता है। चीनी रक्षा मंत्रालय के लिए पिछले साल कम्युनिस्ट पार्टी ने 1.45 ट्रिलियन युआन यानी भारतीय रुपये में 18 लाख 77 हजार करोड़ रुपये खर्च किए थे। यह भारत के मुकाबले रक्षा पर तीन गुना खर्च है। हालांकि, अगर रक्षा बजट में बढ़ोतरी के आंकड़ों को देखा जाए तो भारत ने इस बार अपने रक्षा बजट को 12.95 फीसदी बढ़ाया है, जबकि चीन ने पिछली बार अपने बजट को सिर्फ 7.1 फीसदी ही बढ़ाया था।