महाशिवरात्रि पर 117 साल बाद अद्भुत संयोग

धर्म/अध्यात्म फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि शुक्रवार 21 फरवरी को महाशिवरात्रि का महापर्व मनाया जाएगा। ज्योतिषाचार्य शिल्पा जैन के अनुसार जब सूर्य कुंभ राशि और चंद्र मकर राशि में होता है, तब फाल्गुन मास कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि की रात ये पर्व मनाया जाता है। 21 फरवरी की शाम 5:20 मिनट पर चतुर्दशी तिथि शुरू होगी। जो कि 22 फरवरी को शाम सात बजकर दो मिनट पर समाप्त होगी। रात्रि में पूजन का समय 12 बजकर नौ मिनट से रात्रि एक के बीच रहेगा। ज्योतिषाचार्य शिल्पा जैन ने बताया कि महाशिवरात्रि को इस बार 117 साल बाद फागुन मास कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को एक अद्भुत संयोग बन रहा है। शनि स्वयं की राशि मकर में है और शुक्र अपनी उच्च की राशि मीन में होंगे जो कि एक दुर्लभ योग है। उन्होंने बताया कि अगर किसी को अपना सूर्य मजबूत करना है सरकारी कामों में सफलता प्राप्त करनी है तो तांबे के लोटे में जल मिश्रित गुण से शिवलिंग का अभिषेक करें, वैवाहिक जीवन मधुर बनाने के लिए जोड़े से पति पत्नी शिवलिंग का अभिषेक करें, अगर आपकी कुंडली में मंगल पीड़ित है तो शिवलिंग का अभिषेक हल्दी मिश्रित जल से करें, अगर आपकी कुंडली में बुध की स्थिति खराब है तो शिव पार्वती की पूजा करें पूजन के बाद 7 कन्याओं को भोजन कराएं एवं जल और तुलसी पत्र चढ़ाएं, कुंडली में शुक्र को मजबूत करने के लिए दूध-दही से अभिषेक करें, कुंडली में शनि ग्रह पीड़ित है तो सरसों के तेल से अभिषेक करें, राहु ग्रह को मजबूत करने के लिए जल में 7 दाना जो मिलाकर अभिषेक करें।