मार्च-2022 से पहले विधानसभा चुनाव की कोशिश में केंद्र

उभरता भारत (RashtraPratham):- जम्मू-कश्मीर के मुद्दे पर केंद्र की ऑल पार्टी मीटिंग के बाद केंद्र शासित राज्य में विधानसभा चुनाव की तैयारियां शुरू हो गई हैं। माना जा रहा है कि सरकार जल्द ही प्रदेश में लोकतांत्रिक प्रक्रिया को बहाल करने की दिशा में चुनाव कराने की अनुशंसा कर सकती है। हालांकि इसके लिए परिसीमन निर्धारण का काम जल्द पूरा कराना होगा।अधिकारियों के मुताबिक, केंद्र सरकार जम्मू-कश्मीर में इस दिसंबर से अगले साल मार्च के बीच चुनाव कराने की कोशिश में है। कोशिश है कि इससे पहले परिसीमन के काम को पूरा कर लिया जाए। सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट के एक रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में इसके लिए एक आयोग भी बना दिया गया है, जो जल्द अपनी रिपोर्ट सौंप देगा।

परिसीमन की कवायद के बाद जम्मू एवं कश्मीर में विधानसभा सीटों की संख्या 83 से बढ़कर 90 हो जाएगी। पांच अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधानों को निरस्त कर राज्य को जम्मू एवं कश्मीर तथा लद्दाख के रूप में दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित कर दिया गया था।

इसके बाद फारूख अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती सहित कई नेताओं को नजरबंद कर दिया गया था। जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन विधेयक संसद में पारित किए जाने के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री शाह ने आश्वासन दिया था कि केंद्र उपयुक्त समय पर जम्मू-कश्मीर के राज्य के दर्जे को बहाल करेगा।

सात महीने पहले ही इस केंद्रशासित प्रदेश में जिला विकास परिषद के चुनाव संपन्न हुए थे। इस चुनाव में गुपकर गठबंधन को 280 में से 110 सीटों पर जीत हासिल हुई थी। गठबंधन के दलों में नेशनल कांफ्रेस को सबसे अधिक 67 सीटों पर विजय हासिल हुई थी जबकि 75 सीटों के साथ  सबसे बड़े दल के रूप में उभरी थी। जम्मू-कश्मीर में 2018 से राष्ट्रपति शासन लागू है।