पराक्रम दिवस के मौके पर पढ़ें सुभाष चंद्र बोस के ये अनमोल विचार

भारत के प्रमुख स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों और महान क्रांतिकारियों में से एक नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती मनाई जा रही है। 23 जनवरी को सुभाष चंद्र बोस का जन्म हुआ था। इस मौके को भारत सरकार ने पराक्रम दिवस के तौर पर मनाती है। दरअसल, सुभाष चंद्र बोस का पूरा जीवन साहस, पराक्रम की कहानियों से भरा है। उड़ीसा के कटक में जन्मे बोस भारतीय प्रशासनिक सेवा की पढ़ाई के लिए इंग्लैंड गए थे। लेकिन अंग्रेजों की गुलामी उन्हें मंजूर नहीं थी। इसलिए वापस स्वदेश लौट आए और आजादी की जंग में शामिल हो गए। उन्होंने ही आजाद हिंद फौज, आजाद हिंद सरकार और बैंक की स्थापना की। भारतीयों से आजादी की जंग में शामिल होने का आह्वान करते हुए नारा दिया, ‘तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा। 

सुभाष चंद्र बोस के क्रांतिकारी विचार और ओजस्वी भाषण जोश से भर देने वाले हैं। पराक्रम दिवस के मौके पर पढ़ें सुभाष चंद्र बोस के अनमोल विचार।

1-याद रखिए सबसे बड़ा अपराध, अन्याय सहना और गलत के साथ समझौता करना है।

2-अपनी ताकत पर भरोसा करो, उधार की ताकत तुम्हारे लिए घातक है।

3-उच्च विचारों से कमजोरियां दूर होती हैं। हमें हमेशा उच्च विचार पैदा करते रहना चाहिए।

4-संघर्ष ने मुझे मनुष्य बनाया, मुझमें आत्मविश्वास उत्पन्न हुआ, जो पहले मुझमें नहीं था।

5-जिसके अंदर ‘सनक’ नहीं होती, वह कभी महान नहीं बन सकता।