अगर कानून हाथ में लेने की कोशिश की तो कूचबिहार जैसी और घटनाएं संभव: दिलीप घोष

सियासत की बातें (Rashtra Pratham) कोलकाता। पश्चिम बंगाल भाजपा के अध्यक्ष दिलीप घोष ने रविवार को यह कहकर नया विवाद खड़ा कर दिया कि अगर ‘‘सीतलकूची में मारे गए शरारती लड़कों की तरह’’ किसी ने कानून हाथ में लेने का प्रयास किया तो विधानसभा चुनावों के अगले चरण में भी कूचबिहार की तरह हत्याएं हो सकती हैं। भाजपा नेता के बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया जताते हुए तृणमूल कांग्रेस ने उनकी गिरफ्तारी की मांग की, जबकि माकपा ने कहा कि बयान ‘‘भगवा दल के फासीवादी चेहरे को उजागर’’ करता है। घोष ने कहा, ‘‘सीतलकूची में शरारती लड़कों को गोली लगी। अगर कोई भी अपने हाथ में कानून लेने का दु:साहस करता है तो उसके साथ भी ऐसा ही होगा।’’

उन्होंने ‘शरारती लड़कों’ के बारे में विस्तार से नहीं बताया। उत्तर 24 परगना जिले के बारानगर में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि जिन शरारती लड़कों ने समझ रखा था कि केंद्रीय बलों की राइफलें चुनावी ड्यूटी के दौरान केवल दिखावे के लिए हैं, ऐसे लोग सीतलकूची की घटना देखने के बाद यह गलती दुहराने की हिम्मत नहीं करेंगे। सीतलकूची विधानसभा क्षेत्र में शनिवार को चौथे चरण के मतदान के दौरान सीआईएसएफ के जवानों से कुछ लोगों द्वारा ‘‘राइफलें छीनने का प्रयास’’ करने के बाद केंद्रीय बल ने गोलीबारी की जिसमें चार लोगों की मौत हो गई। उन्होंने कहा, ‘‘17 अप्रैल को भी (पांचवें चरण के चुनाव के दिन) केंद्रीय बल मतदान केंद्रों पर तैनात रहेंगे। अगर उन्होंने अपने हाथ में कानून लेने का प्रयास किया तो सीतलकूची की तरह घटनाएं हो सकती हैं।’’