मोदी-शाह को ऐसी स्थिति का कभी सामना नहीं करना पड़ा: सामना
वहीं, आई.एन.डी.आई. गठबंधन के नेताओं का मानना है कि संसद में राहुल गांधी ने शानदार भाषण दिया और मोदी सरकार से वाजिब सवाल पूछे। शिवसेना (यूबीटी) ने भी राहुल गांधी के भाषण की तारीफ की है।
शिवसेना (यूबीटी) के मुखपत्र सामना में लिखा गया, “पिछले 10 वर्षों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और उनकी भाजपा को कभी ऐसी स्थिति का सामना नहीं करना पड़ा। राहुल गांधी ने मोदी सरकार को घेरा है।”
राहुल गांधी ने सरकार को दिखाया आईना: शिवसेना (यूबीटी)
सामना में मोदी सरकार के खिलाफ तीखी टिप्पणी की गई। लेख में लिखा गया, “अब तक मोदी-शाह ने अपने प्रचंड बहुमत के बल पर संसद को अपने पैरों तले रखने का प्रयास किया, लेकिन राहुल गांधी के नेतृत्व में एक मजबूत विपक्ष संसद में उभरा है और उन बेलगाम लोगों पर लगाम लगी है। वे 10 साल तक हिंदुत्व का इस्तेमाल करते रहे और धर्म के नाम पर चुनाव लड़ते रहे, लेकिन अब उन्हें आईना दिखा दिया गया है।”
लेख में आगे लिखा गया कि लोकसभा में राहुल गांधी के नेता विपक्ष बनने से विपक्ष को मजबूती मिली है। राहुल गांधी के भाषण के बाद मोदी-शाह के पास स्पीकर से सुरक्षा मांगने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा। उम्मीद है कि यह संदेश ईडी-सीबीआई आदि तक पहुंच गया होगा।”
सामना में आगे लिखा गया,”अकेले राहुल गांधी भाजपा के नेता, नरेंद्र मोदी, अमित शाह, राजनाथ सिंह, किरेन रिजिजू, रविशंकर प्रसाद, भूपेंद्र यादव और सत्तारूढ़ पक्ष के अन्य लोगों का सामना करने में समर्थ रहे।”
राहुल गांधी ने बयान पर क्यों मचा था हंगामा?
बता दें कि राहुल गांधी ने संसद में चर्चा के दौरान हिंदुत्व का जिक्र करते हुए मोदी सरकार पर निशाना साधा। राहुल गांधी ने कहा था,”मोदी जी ने अपने भाषण में एक दिन कहा कि हिंदुस्तान ने कभी किसी पर हमला नहीं किया। इसका कारण है। हिंदुस्तान अहिंसा का देश है, यह डरता नहीं है। हमारे महापुरुषों ने यह संदेश दिया- डरो मत, डराओ मत।”
राहुल गांधी ने आगे कहा था,”शिवजी कहते हैं- डरो मत, डराओ मत और त्रिशूल को जमीन में गाड़ देते हैं। दूसरी तरफ जो लोग अपने आपको हिंदू कहते हैं वो 24 घंटे हिंसा-हिंसा-हिंसा।नफरत-नफरत-नफरत… आप हिंदू हो ही नहीं। हिंदू धर्म में साफ लिखा है सच का साथ देना चाहिए।”