सोने की स्थिरता ही गोल्ड लोन का आधार होती है और यह उधार देने वाले और लेने वाले दोनों को सुरक्षा का भरोसा देती है। सोना समय के साथ अपनी कीमत बनाए रखता है, जो आर्थिक अनिश्चितता में एक भरोसेमंद सुरक्षा प्रदान करता है।
क्या कहता है आरबीआई का नियम
अनुसार, ऋणदाता सोने के आभूषणों के मूल्य का अधिकतम 75% तक लोन प्रदान करते हैं। सोने की उच्च कीमत के कारण आपको अपने गिरवी रखे सोने पर अधिक मूल्य मिलता है।
सोने की भौतिक उपस्थिति के कारण भारी-भरकम कागजी कार्रवाई और क्रेडिट मूल्यांकन की जरूरत नहीं होती, जिससे लोन की मंजूरी प्रक्रिया में काफी तेजी आ जाती है।
गोल्ड लोन आपकी सभी फंडिंग जरूरतों को पूरा कर सकता है। इस आर्टकिल में गोल्ड लोन लेने के कुछ फायदों के बारे में ही बता रहे हैं-
गोल्ड लोन के फायदे
सभी के लिए आसानी से उपलब्ध
गोल्ड लोन पारंपरिक क्रेडिट विकल्पों की तुलना में ज्यादा लोगों के लिए उपलब्ध होता है। इसमें वेतनभोगी कर्मचारी, स्व-रोजगार वाले प्रोफेशनल, या ऐसे लोग जिनकी क्रेडिट हिस्ट्री बहुत अच्छी नहीं है, उन्हें भी गोल्ड लोन मिल सकता है।
बस शर्त यह है कि उनके पास गिरवी रखने के लिए सोना होना चाहिए। यह लचीलापन गोल्ड लोन को उन लोगों के लिए आकर्षक बनाता है जो पारंपरिक उधारदाताओं द्वारा निर्धारित कड़े मानदंडों को पूरा नहीं कर सकते।
पुनर्भुगतान में लचीलापन
गोल्ड लोन की एक खास विशेषता इसका पुनर्भुगतान में लचीलापन है। इसमें उधार लेने वालों को अपनी वित्तीय स्थिति के अनुसार पुनर्भुगतान अवधि चुनने की स्वतंत्रता होती है। आप अल्पकालिक या दीर्घकालिक लोन भुगतान योजनाएं चुन सकते हैं।
इसके अलावा, कई गोल्ड लोन देने वाली कंपनियां बिना भारी जुर्माना लगाए आंशिक भुगतान या समय से पहले लोन चुकाने की सुविधा देती हैं। इससे उधार लेने वालों को ज्यादा वित्तीय लचीलापन मिलता है।