सीएम की नाराजगी के बाद अखिलेश का फैसला

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सपा कार्यकर्ताओं से कहा है कि वह भाजपा के किसी भी कार्यक्रम में अवरोध पैदा ना करें। बताया जा रहा है कि सपा अध्यक्ष ने यह फैसला मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ फोन पर हुई बातचीत के बाद लिया है। मुख्यमंत्री ने फोन पर अखिलेश यादव से नाराजगी जताई थी कि प्रधानमंत्री तक के कार्यक्रम में काले झंडे दिखाए जा रहे हैं। हालांकि उस दौरान अखिलेश यादव ने भी सीएम से कहा था कि हमारे लोगों को भी परेशान किया जा रहा है। यह नहीं होना चाहिए।

रविवार को पार्टी कार्यालय पर आयोजित पत्रकार वार्ता में अखिलेश यादव ने अपने कार्यकर्ताओं से कहा कि हमें मर्यादा में रहना है। भाजपा के किसी भी कार्यक्रम में बाधा नहीं पैदा करें।

इस दौरान अखिलेश यादव ने कहा कि कार्यकर्ताओं ने कहा है कि हम 351 सीटे जीतेंगे। हमारा  टारगेट बड़ा है। अगर बीजेपी झूठ बोलकर 300 से ज्यादा  सीट जीत सकती है तो ईमानदारी व काम की बदौलत सपा 351 क्यों नहीं जीत सकती है।

अखिलेश ने भाजपा पर हमला करते हुए कहा कि बीजेपी अब यह भी कहेगी कि कोरोना वायरस को हमने रोक दिया। पूर्वांचल एक्सप्रेस किस दीवाली बनेगा यह कोई नही जानता। यह लोग संविधान पर हमला कर रहे हैं। सरकार बनी तो हम जातीय जनगणना करायंगे। बीजेपी जाति धर्म पर लोगों को लड़ा रही है। हमारी मांग है कि जाति पर जनगणना होनी चाहिये। हमारे लैपटॉप चल रहे है, लेकिन इनके शौचालय नहीं चल रहे। 22 में केवल साइकिल चलेगी और कुछ नहीं।

आपको बता दें कि पीएम मोदी पिछले महीने बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे के शिलन्यास से पहले दिव्यांगजन और बुजुर्गों को सहायता उपकरण बांटने प्रयागराज पहुंचे थे, वहां पीएम को सपा कार्यकर्ताओं ने काले झंडे दिखाए थे।

जानकारी के मुताबिक, जिन लोगों ने पीएम मोदी को काले झंडे दिखाए, वे समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता थे। वे नागरिकता संशोधन कानून को लेकर विरोध जता रहे थे। पीएम मोदी के भाषण के दौरान मीडिया गैलरी के पीछे से आए प्रदर्शनकारियों ने जैसे ही काला झंडा दिखाकर नारेबाजी की कोशिश की, उनका बीजेपी कार्यकर्ताओं से उनका संघर्ष हो गया था।