दिल्ली दंगों की आंच थमती देख सामान्य लोग अब राहत की सांस ले रहे हैं। लेकिन इसके बाद भी लोगों के जेहन में दंगों की दहशत बरकरार है। रात को कुछ अनहोनी न हो जाए, इसकी चिंता अभी भी उन्हें सता रही है। यही कारण है कि कॉलोनी के लोग रात के समय पारी-पारी में अपनी कॉलोनियों को बचाने के लिए पहरा दे रहे हैं। इसके लिए अलग-अलग ग्रुप बनाए गए हैं। एक ग्रुप का समय बीत जाने के बाद दूसरा ग्रुप अपनी जिम्मेदारी संभाल लेता है। इस क्रम में पूरी कॉलोनी की सुरक्षा हो रही है। एक स्थानीय की चिंता है कि अगर उनकी कॉलोनी में दूसरे समुदाय के लोगों को कुछ भी हो जाएगा, तो उनकी कॉलोनी के ऊपर दंगों का दाग लग जाएगा। इससे बचने की कोशिशें लगातार जारी हैं।
करावल नगर का क्षेत्र इन दंगों में सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है। इसके कई इलाकों में भयंकर आगजनी और लूटपाट हुई है। कई लोगों को अपनी जान भी गंवानी पड़ी है। इससे सटे खुरेंजी के इलाके में भी दंगों की जोरदार तपिश महसूस की गई। सिग्नेचर पार्क जाने वाले चौराहे पर एक समुदाय विशेष के युवक की हत्या से माहौल बेहद तनावपूर्ण हो गया था।
लेकिन इस तनाव के बीच भी स्थानीय लोगों ने आपस में मिलकर एक-दूसरे समुदाय के लोगों की जान बचाई। यहां रहमा्नी मस्जिद के पास ही एक सनातन धर्म का मंदिर भी बना है। लेकिन किसी भी धर्मस्थल को कोई आंच नहीं आने दी गई।