दिल्ली-नोएडा के अस्पतालों में नहीं हो रहा गाजियाबाद के COVID-19 मरीजों का इलाज

कोरोना मरीजों का इलाज सीमा विवाद में उलझता दिख रहा है। गाजियाबाद जनपद के मरीजों को नोएडा-दिल्ली के अस्पतालों में भर्ती ही नहीं किया जा रहा है। बेड की कमी का हवाला देकर कहीं और ले जाने के लिए कह दिया जाता है, जिसके कारण इन्हें मेरठ मेडिकल कॉलेज रेफर करना पड़ रहा है। जनपद में कोरोना के अति गंभीर मरीजों के इलाज के लिए लेवल तीन का अस्पताल संतोष मेडिकल कॉलेज है। संतोष मेडिकल कॉलेज में बेड उपलब्ध नहीं होने पर अति गंभीर मरीजों के इलाज के लिए दिल्ली-नोएडा के अस्पताल विकल्प के रूप में आते हैं। दिल्ली-नोएडा के लेवल तीन अस्पतालों की दूरी जनपद से बेहद कम है, जिसके कारण डॉक्टर मरीजों को यहां रेफर कर देते हैं।इन मरीजों को रेफर तो किया जाता है, लेकिन इन्हें भर्ती नहीं किया जाता। बेड खाली न होने का हवाला देकर इन्हें वापस कर दिया जाता है। इसके कारण इन्हें करीब 60 किलोमीटर दूर लेवल तीन के मेरठ मेडिकल कॉलेज ले जाने का ही विकल्प बचता है। करीब 15 दिन पूर्व एक युवक को नोएडा के एक प्राइवेट अस्पताल में तबीयत बिगड़ने पर भर्ती किया गया था। यहां उसे वेंटिलेटर पर रखा गया था। कोरोना रिपोर्ट पॉजीटिव आने के बाद नोएडा स्वास्थ्य विभाग ने उसे अपने अस्पताल में भर्ती करने से इनकार कर दिया, जिसके बाद उसे गाजियाबाद के संतोष मेडिकल कॉलेज में भर्ती किया गया था।