धर्म/अध्यात्म (Rashtra Pratham): कोरोना काल में दो सितंबर से शुरू हो रहे पितृपक्ष में ऑनलाइन भी मोक्ष का द्वार खुलेगा। प्रयागराज में पिंडदान का महत्व ज्यादा है। इसलिये देश-विदेश के लोग यहां कर्मकांड के लिए आते हैं। लेकिन कोरोना के कारण इस बार संगम में बाहर से कम संख्या में श्रद्धालु आएंगे। इस असुविधा को देखते हुए तीर्थपुरोहित व्हाट्सअप और फेसबुक के जरिये ऑनलाइन पिंडदान भी कराएंगे।
प्रयागराज मेला प्राधिकरण के तीर्थ पुरोहित आचार्य प्रदीप पांडेय ने बताया कि जो व्यक्ति प्रयाग आने में असमर्थ हैं और अपने पूर्वजों का पिंडदान संगम में कराना चाहते हैं, उनके लिये यह अच्छा विकल्प है। ऑनलाइन कर्मकांड के लिए जस्ट डायल वेबसाइट में पंजीकरण भी कराया गया है। इसके संयोजन में दीपू मिश्र, गोपालजी शर्मा और उत्सव पांडेय शामिल हैं।
पांडेय के अनुसार ऑनलाइन पिंडदान की एक निश्चित प्रक्रिया पूरी की जाएगी। यानी संबंधित व्यक्ति का मृतक से संबंध, गोत्र, अवस्था, मृत्यु तिथि, कारण, समय, स्थान और फोटो प्राप्त करके विधिविधान से पिंडदान पूरा किया जाएगा। पिंडदान की वीडियो रिकॉर्डिंग सम्बंधित व्यक्ति को भेज दी जाएगी।