धर्म/अध्यात्म (Rashtra Pratham): इस बार 21 जून आषाढ़ अमावस्या को लगने वाले सूर्ग्रय हण का सूतक काल माना जाएगा और यह ग्रहण लोगों के जीवन पर असर भी करेगा। ज्योतिषियों की मानें तो यह कंकण आकृति ग्रहण है। इसके साथ ही यह ग्रहण सूर्य भगवान के दिन रविवार को लग रहा है। इस ग्रहण का असर विभिन्न राशियों पर पड़ेगा।
ज्योतिषियों के अनुसार ग्रहण पर सूतक काल का विशेष ध्यान रखना चाहिए। यह सूर्य ग्रहण देश के कुछ भागों में पूर्ण रूप से दिखाई देगा। 21 जून को सूर्य ग्रहण दिन में 9:16 बजे शुरू होगा। इसका चरम दोपहर 12:10 बजे होगा। मोक्ष दोपहर में 3:04 बजे होगा। सूतक काल 20 जून शनिवार रात 9:15 बजे से शुरू हो जाएगा। इसी के साथ शहर के मठ-मंदिर के पट भी बंद हो जाएंगे। आपको बता देें कि ज्योतिषशास्त्री ग्रहण के ग्रहण के 12 घंटे पहले और 12 घंटे बाद तक के समय को सूतक काल मानते हैं।
ज्योतिषियों की मानें तो सूर्यग्रहण में ग्रहण लगने से 12 घंटे पहले ही भोजन कर लेना चाहिए। बूढ़े, बालक, रोगी और गर्भवती महिलाएं डेढ़ प्रहर चार घंटे पहले तक खा सकते हैं ।ग्रहण के बाद नया भोजन बना लेना चाहिए । सम्भव हो तो ग्रहण के पश्चात् घर में रखा सारा पानी बदल दें। कहा जाता है ग्रहण के बाद पानी दूषित हो जाता है। ग्रहण के कुप्रभाव से खाने-पीने की वस्तुएँ दूषित न हों इसलिए सभी खाद्य पदार्थों एवं पीने के जल में तुलसी का पत्ता अथवा कुश डाल दें।ग्रहण के समय पहने हुए एवं स्पर्श किए गए वस्त्र आदि अशुद्ध माने जाते हैं। अतः ग्रहण पूरा होते ही पहने हुए कपड़ों सहित स्नान कर लेना चाहिए। ग्रहण से 30 मिनट पूर्व गंगाजल छिड़क के शुद्धिकरण कर लें।