पुरुषार्थ एवं परमार्थ की अद्भुत मिसाल श्री हनुमान जी…

धर्म/अध्यात्म (Rashtra Pratham): भारत की प्राचीन जग-प्रसिद्ध चरित्र परम्परा में हनुमानजी का चरित्र विलक्षण, अद्भुत एवं प्रेरणास्पद है। हनुमान यानी संयम एवं समर्पण का अनूठा समन्वय, पुरुषार्थ एवं परमार्थ की अद्भुत मिसाल। वे इस सृष्टि के मानव-मन के दुःख-विमोचक हैं। उनका सम्पूर्ण जीवन साहस एवं संकल्प का प्रेरक हैं जिनमें जीवन की समस्याओं का समाधान निहित है।

वे चिन्मय दीपक हैं। भिन्न-भिन्न लोगों ने इस महान् आत्मा का मूल्यांकन भिन्न-भिन्न दृष्टिकोण से किया है। कोई उन्हें बजरंगबली कहता है तो कोई महावीर, कोई उन्हें मारुति नन्दन कहता है तो कोई हनुमान। हनुमान का चरित्र एक लोकनायक का चरित्र है और उनके इसी चरित्र ने उन्हें सार्वभौमिक लोकप्रियता प्रदान की है। तैंतीस करोड़ देवी-देवताओं में मात्र हनुमान ही ऐसे हैं जिनकी आधुनिक युग में सर्वाधिक पूजा की जाती है और जन-जन के वे आस्था के केन्द्र हैं।

उनके चरित्र ने जाति, धर्म और सम्प्रदाय की संकीर्ण सीमाओं को लांघ कर जन-जन को अनुप्राणित किया है। हनुमान का चरित्र बहुआयामी है क्योंकि उन्होंने संसार और संन्यास दोनों को जीया। वे एक महान् योगी एवं तपस्वी हैं और इससे भी आगे वे रामभक्त हैं।