धर्म/अध्यात्म (Rashtra Pratham): केरल के श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर के प्रशासन और प्रबंधन के बीच चल रहा कानूनी विवाद आज सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाकर खत्म कर दिया है। बता दें, मंदिर के प्रबंधन का अधिकार त्रावणकोर के पूर्व शाही परिवार को दिया गया है।
बता दें कि इससे पहले केरल हाईकोर्ट ने मंदिर पर राज्य सरकार का अधिकार बताया था। श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर को देश के सबसे धनी मंदिरों में से एक माना जाता है। इतना ही नहीं इस मंदिर के चारों ओर गहरे रहस्य भी छिपे हुए हैं। माना जाता है कि आज भी मंदिर का सातवां दरवाजा हर किसी के लिए एक पहेली बना हुआ है। मंदिर के इस दरवाजे को आज तक कोई खोल नहीं सका है।
हैरानी की बात यह है कि यह दरवाजा लकड़ी का बना हुआ है। इस दरवाजे को खोलने या बंद करने के लिए किसी तरह का कोई सांकल, नट-बोल्ट, जंजीर या ताला नहीं लगा हुआ है। दरवाजा कैसे बंद है, ये आज भी वैज्ञानिकों के लिए एक रहस्य बना हुआ है। यूं तो मंदिर में पद्मनाभ स्वामी की मूर्ति की स्थापना कब और किसने की, इस बात की कोई ठोस जानकारी किसी के पास नहीं है। लेकिन त्रावनकोर के इतिहासकार डॉ एल. ए. रवि वर्मा के अनुसार ये रहस्यमय मंदिर 5000 साल पहले कलियुग के पहले दिन स्थापित हुआ था।