धर्म/अध्यात्म (Rashtra Pratham): अक्टूबर 2020 से लेकर अप्रैल 2021 तक के सात महीनों में विवाह के कुल नौ मुहूर्त हैं। विवाह के जो मुहूर्त पड़ रहे हैं उसमें 25, 27, 30 नवंबर और एक, छह, सात, नौ, दस और 11 दिसंबर हैं। ज्योतिषाचार्य पं.शिवकुमाार शर्मा के अनुसार चतुर्मास के पश्चात देवोत्थान एकादशी के बाद वृश्चिक की संक्रांति में विशेष विवाह मुहूर्त होते हैं। इस बार नवंबर और दिसंबर में केवल नौ विवाह के मुहूर्त हैं। 15 दिसंबर से 14 जनवरी तक मलमास है। इसके पश्चात 17 जनवरी 2021 से 15 फरवरी 21 तक गुरु अस्त रहेंगे। फिर 13 फरवरी 2021 से 18 अप्रैल 2021 तक शुक्र अस्त रहेंगे। शास्त्रों की मान्यता के अनुसार गुरु और शुक्र अस्त होने के कारण विवाह मुहूर्त नहीं होते हैं।
लड़के की शादी में शुक्र अच्छा होना चाहिए और लड़की की शादी में गुरु अच्छा होना चाहिए। तभी विवाह संबंध स्थाई होता है, लेकिन इस बार चार महीने में जो मुख्य रूप से विवाह के मुहूर्त हुआ करते थे, वे इस वर्ष नहीं होंगे। अगले वर्ष 2021 में 25 अप्रैल के पश्चात विवाह मुहूर्त हैं। यानी शादी की तैयारी कर रहे हैं तो नवंबर-दिसंबर में ही मौका है। इसके बाद लंबा इंतजार करना होगा।
नवंबर और दिसंबर के विवाह मुहूर्त वृश्चिक की संक्रांति में ही होते हैं, लेकिन युवकों की कुछ राशियां ऐसी होती हैं जिनके अनुसार वृश्चिक के सूर्य शादी के लिए अशुभ होते हैं। जैसे सिंह राशि, मेष राशि और धनु राशि। वृश्चिक की सक्रांति में मेष, सिंह और धनु राशि वाले युवक विवाह नहीं कर पाएंगे क्योंकि इनकी राशियों से चौथे, आठवें और बारहवें सूर्य नेष्ट यानी अशुभ होते हैं। अतः इनको छोड़ना ही उचित है। इन राशि वाले युवकों को विवाह के लिए सात महीने प्रतीक्षा करनी पड़ेगी। 25 अप्रैल से और 18 जुलाई तक विवाह के 38 मुहूर्त हैं।