धर्म/अध्यात्म भगवान शिव और मां पार्वती का विवाहोत्सव महाशिवरात्रि फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी शुक्रवार 21 फरवरी को मनायी जाएगी। शहरभर में शोभायात्राएं निकलेंगी और रात में शिव व पार्वती का विवाहोत्सव की धूम होगी। हिन्दू धर्मावलंबियों के इस महापर्व पर इस बार कई दुर्लभ संयोग बन रहे हैं। इन शुभ संयोगों के चलते इस बार महाशिवरात्रि पर भोलेनाथ का पूजन, रूद्राभिषेक, व्रत और जागरण कई गुना अधिक फलदाई होगी। महाशिवरात्रि को लेकर शहर के शिवालयों और मंदिरों में पूजन और रूद्राभिषेक की तैयारी शुरू है।
पंचामृत-अनार रस से अभिषेक आचार्य प्रियेंदू प्रियदर्शी ने शिवपुराण के हवाले से बताया कि महाशिवरात्रि पर पंचामृत और अनार रस से भगवान का अभिषेक करने पर सौभाग्य की वृद्धि और पितृदोष से मुक्ति मिलेगी। साथ ही अकौन के फूल के साथ अबरख व ईत्र अर्पित करने से ऐच्छिक मनोकामना की पूर्ति और वैवाहिक बाधाएं दूर होंगी।
ज्योतिषाचार्य पीके युग के मुताबिक महाशिवरात्रि पर शनि और चंद्रमा के साथ मकर राशि में रहने से पंच महापुरुष योग में से एक शश राजयोग और विष योग का निर्माण होगा। मकर राशि में शनि बर्गोत्तम होगा। ऐसा महासंयोग इसके पूर्व वर्ष 1961 में भी महाशिवरात्रि पर बना था। इस तिथि पर सभी ग्रहों के चार स्थानों पर रहने से भगवान शिव से जुड़ा केदार योग भी बनेगा। इन खास संयोगों के बनने से शिव आराधना और विशेष सिद्धि में सफलता मिलेगी। वहीं देवगुरु बृहस्पति अपनी राशि धनु में और दैत्य गुरु शुक्राचार्य अपनी उच्च राशि मीन में रहेंगे।