धर्म/अध्यात्म सूर्यदेव जब मीन राशि में प्रवेश करते हैं तो इस अवस्था को मीन संक्रांति कहा जाता है। मीन संक्रांति के दिन से मलमास का आरंभ होता है। मलमास की अवधि में मांगलिक कार्य जैसे नामकरण, विद्या आरंभ, उपनयन संस्कार, विवाह संस्कार, गृह प्रवेश आदि वर्जित माने गए हैं। इस दिन किसी पवित्र नदी में स्नान करें और दान-पुण्य अवश्य करना चाहिए।अपने ईष्टदेव की पूजा करें। सूर्यदेव को जल अर्पित करें। इस दिन तिल, वस्त्र एवं अनाज का दान करें। बच्चों को शिक्षा से संबंधित चीजों का दान करें। भगवान शिव और भगवान विष्णु की पूजा मलमास में फलदायी मानी जाती है। मीन संक्राति सूर्यदेव की आराधना का पावन पर्व है। यह तन-मन और आत्मा को शक्ति प्रदान करता है। मीन संक्रांति पर सूर्यदेव को जल अर्पित करें। मान्यता है कि इस दिन किए गए दान से पाप दूर हो जाते हैं। इस दिन सूर्यदेव की आराधना कर अच्छे स्वास्थ्य की कामना करें। मान्यता है कि इस दिन भूमि का दान करने से जीवन में खुशहाली आती है। इस दिन मंदिर में जाकर भगवान के दर्शन अवश्य करें। इस दिन गाय को चारा अवश्य खिलाएं।