चैत्र पूर्णिमा

चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को हनुमान जंयती मनाई जाती है। इस दिन हनुमान ज्न्मोत्सव धूमधाम से मनाया जाता है। शास्त्रों के अनुसार हनुमान जयन्ती  कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी और चैत्र शुक्ल पूर्णिमा दोनों दिन मनाई जाता है। इस दिन हनुमान जी के साथ भगवान राम की पूजा भी की जाती है। शास्त्रों के अनुसार भगवान राम ही हनुमान जी के आराध्य हैं। इसलिए कहा जाता है कि हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए भगवान राम की भक्ति भी करनी चाहिए। पूर्णिमा होने के कारण कहा जा रहा है कि इस दिन सुपरमून दिखाई देगा। इससे पहले आखिरी सुपरमून 9 मार्च से 11 मार्च के बीच दिखाई दिया था।इस दिन पूर्णिमा होने के कारण भगवान विष्णु की पूजा और सत्यानारायण की कथा भी सुनी जाती है। इस दिन हनुमान जी की पूजा करना बहुत शुभ माना जाता है। अभिजित मुहूर्त में हनुमान जी की पूजा करना अत्यंत शुभ है। उत्तर-पूर्व दिशा में चौकी पर लाल कपड़ा रखें। हनुमान जी के साथ श्री राम जी के चित्र की स्थापना करें। हनुमान जी को लाल और राम जी कको पीले फूल अर्पित करें।लड्डुओं के साथ-साथ तुलसी दल भी अर्पित करें। पहले श्री राम के मंत्र ‘राम रामाय नमः’ का जाप करें।फिर हनुमान जी के मंत्र ‘ॐ हं हनुमते नमः’ का जाप करें। इसके अलावा  हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए  तिल के तेल में नारंगी सिंदूर घोलकर चढ़ाएं।  वहीं हनुमान जी को चमेली की खुश्बू या तेल और लाल फूल चढ़ाना भी शुभ माना जाता है। हनुमान जी को अर्पित करने वाले प्रसाद का भी ध्यान रखें। जो भी प्रसाद तैयार करें वो स्नान करके पूरी तरह से शु्द्ध हो। प्रसाद भी शुद्ध साम्रगी से तैयार करें।