आज से मांगलिक कार्यों पर आठ दिन के लिए रोक लग जाएगी। ऐसे में अब होली के बाद ही शहनाइयों की गूंज सुनाई देगी। आज सोमवार दोपहर 12:52 बजे से होलाष्टक प्रारंभ हो रहे हैं, जिसके चलते 16 संस्कार सहित मांगलिक कार्यों पर विराम लगेगा।
भारतीय मुहूर्त विज्ञान व ज्योतिष शास्त्र प्रत्येक कार्य के लिए शुभ मुहूर्तों का शोधन कर उसे करने की अनुमति देता है। इस प्रकार प्रत्येक कार्य की दृष्टि से उसके शुभ समय का निर्धारण किया गया है। जैसे गर्भाधान, विवाह, पुंसवन, नामकरण, चूड़ाकरन विद्यारम्भ, गृह प्रवेश व निर्माण, गृह शांति, हवन यज्ञ कर्म, स्नान, तेल मर्दन आदि कार्यों का सही और उपयुक्त समय निश्चित किया गया है।
इस प्रकार होलाष्टक को ज्योतिष की दृष्टि से एक होलाष्टक दोष माना जाता है, जिसमें विवाह, गर्भाधान, गृह प्रवेश, निर्माण, आदि शुभ कार्य वर्जित हैं।
ज्योतिषाचार्य पंडित हृदयरंजन शर्मा ने बताया कि होलाष्टक आज 2 मार्च से प्रारंभ हो रहे हैं, जो 9 मार्च होलिका दहन के साथ ही समाप्त हो जाएंगे। इसका मतलब आठ दिनों का यह होलाष्टक दोष रहेगा। जिसमें सभी शुभ कार्य वर्जित हैं। इस दौरान हिन्दू धर्मों के 16 संस्कारों को न करने की सलाह दी जाती है।होलाष्टक में शुभ कार्य करना अशुभ माना गया है। यदि होलाष्टक में शुभ कार्य किए जाते हैं तो उसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। विवाह यदि किया जाए तो जीवनभर पति-पत्नी के बीच संबंधों में टकराव आएगा। होलाष्टक में हिंदू धर्मों के 16 संस्कारों को न करने की सलाह दी जाती है।