कश्मीर में आतंकियों के लिए काल बनीं भारतीय सेना

जम्मू। साल 2019 में जब से जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटी है तब से वहां के हालात बदले हैं। कश्मीर में नया सिनेमाघर खोला गया। रोजगार के अवसर युवाओं को दिए जा रहे हैं। कश्मीर के युवाओं के हाथों में जो आतंकियों मे पत्थर पकड़ाए थे उसे हटा कर भारत सरकार किताबें पकड़ा रही हैं। टारगेटिंग कीलिंग और कुछ घटनाओं को अगर छोड़ दिया जाएं तो साल 2022 आतंकियों के लिए काफी भारी रहा हैं। जम्मू-कश्मीर पुलिस ने शनिवार को 2022 को हाल के वर्षों में सबसे सफल बताया, जिसमें वर्ष 2022 में 56 पाकिस्तानियों सहित कुल 186 आतंकवादी मारे गए हैं। जम्मू-कश्मीर पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह ने भी गिरफ्तार किए गए 159 लोगों को जोड़ा है। उन्होंने यह भी कहा कि केंद्र शासित प्रदेश में ‘जीरो टेरर’ गतिविधियां हासिल करने के लिए पुलिस और अन्य सुरक्षा एजेंसियां सही दिशा में आगे बढ़ रही हैं।

जम्मू कश्मीर से हो रहा है आतंक का सफाया, साल 2022 रहा सफल 

जम्मू-कश्मीर पुलिस के महानिदेशक (डीजीपी) दिलबाग सिंह ने शनिवार को कहा कि 2022 में 56 पाकिस्तानी नागरिकों सहित कुल 186 आतंकवादी मारे गए और 159 को गिरफ्तार किया गया। उन्होंने दावा किया कि हाल के समय में यह साल सबसे सफल वर्ष रहा। उन्होंने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश में कोई भी आतंकवादी गतिविधियां नहीं होने (जीरो टेरर) के लक्ष्य को हासिल करने के लिए पुलिस और अन्य सुरक्षा एजेंसियां सही दिशा में आगे बढ़ रही हैं।

जम्मू कश्मीर से हो रहा है आतंक का सफाया, साल 2022 रहा सफल 

जम्मू-कश्मीर पुलिस के महानिदेशक (डीजीपी) दिलबाग सिंह ने शनिवार को कहा कि 2022 में 56 पाकिस्तानी नागरिकों सहित कुल 186 आतंकवादी मारे गए और 159 को गिरफ्तार किया गया। उन्होंने दावा किया कि हाल के समय में यह साल सबसे सफल वर्ष रहा। उन्होंने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश में कोई भी आतंकवादी गतिविधियां नहीं होने (जीरो टेरर) के लक्ष्य को हासिल करने के लिए पुलिस और अन्य सुरक्षा एजेंसियां सही दिशा में आगे बढ़ रही हैं।

पाकिस्तान की योजनाओं में भारतीय  सेना ने लगाई सेंध 

पुलिस प्रमुख ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि 146 पाकिस्तान निर्मित आतंकी मॉड्यूल, जिनमें चार से पांच सदस्य शामिल थे, जिन्हें चुनिंदा और लक्षित हत्याओं और ग्रेनेड और आईईडी हमलों को अंजाम देने का काम सौंपा गया था, उनका भी 2022 में भंडाफोड़ किया गया। उन्होंने कहा कि इस साल जम्मू-कश्मीर में 100 युवा आतंकवाद में शामिल हुए, जो कई सालों में सबसे कम है। उन्होंने कहा कि इनमें से ज्यादातर का सफाया कर दिया गया, जबकि सुरक्षा बल सक्रिय आतंकवादियों की संख्या को दो अंकों के आंकड़े तक लाने के लिए काम कर रहे हैं जो वर्तमान में 100 से थोड़ा अधिक है।