China Submarines की बढ़ती संख्या को देखकर Modi बढ़ा रहे हैं Indian Navy की ताकत

प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क के खास कार्यक्रम शौर्य पथ में हमने इस सप्ताह ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) से जानना चाहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की फ्रांस यात्रा किन मायनों में अहम है? हम यह भी जानना चाहते हैं कि नौसेना के लिए सबमरीन सौदा क्यों अहम है? इसके जवाब में उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का फ्रांस दौरा कई मायनों में अहम है। उन्होंने कहा कि इस दौरान भारत के प्रधानमंत्री को फ्रांस का सर्वोच्च सम्मान ‘ग्रैंड क्रॉस ऑफ द लीजन ऑफ ऑनर’ दिया गया जोकि बड़ी उपलब्धि है। उन्होंने कहा कि फ्रांस में हालिया दंगों के बाद मोदी के रूप में आये पहले विदेशी नेता के स्वागत में फ्रांस की सरकार ने पलक-पांवड़े बिछाये हुए हैं। फ्रांस के आम लोग भी पेरिस पहुँचे भारतीय मीडिया के साथ बातचीत के दौरान भारत और फ्रांस के करीबी रिश्तों पर बात करने के अलावा वैश्विक मुद्दों पर प्रधानमंत्री मोदी के प्रभावी नेतृत्व की जमकर सराहना कर रहे हैं। इसके अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बैस्टिल डे परेड में शामिल हुए और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन के साथ द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा की। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एक कला केंद्र में भारतीय समुदाय के लोगों को भी संबोधित किया। इसके अलावा उनके दौरे के दौरान भारतीय भुगतान प्रणाली ‘यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस’ (यूपीआई) के इस्तेमाल को लेकर भारत और फ्रांस के बीच सहमति बनी है, जिसके परिणामस्वरूप अब वहां इसका उपयोग किया जा सकेगा। इसके अलावा अब फ्रांस में स्नातकोत्तर के छात्रों को पढ़ाई के बाद पांच वर्ष का कार्य वीजा भी दिया जाएगा जोकि भारतीय छात्रों के लिए बड़ी राहत है।ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) ने कहा कि इसके अलावा प्रधानमंत्री के फ्रांस दौरे के दौरान फ्रांस से राफेल लड़ाकू विमानों के 26 नौसैनिक प्रारूपों की खरीद का समझौता हुआ। एक दिन पहले ही रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता वाली रक्षा खरीद परिषद (डीएसी) ने इस सौदे को मंजूरी दी थी। डीएसी रक्षा खरीद पर निर्णय लेने वाली रक्षा मंत्रालय की सर्वोच्च इकाई है। रक्षा मंत्रालय ने फ्रांस द्वारा डिजाइन की गयी तीन स्कॉर्पीन श्रेणी पनडुब्बियों की खरीद के प्रस्तावों को भी मंजूरी दी। दोनों बड़ी खरीद परियोजनाएं 80,000 करोड़ रुपये से 85,000 करोड़ रुपये के बीच की हो सकती हैं। हथियार प्रणालियों और कलपुर्जों सहित संबंधित सहायक उपकरणों की खरीद के साथ राफेल लड़ाकू विमानों की खरीद एक अंतर-सरकारी समझौते (आईजीए) पर आधारित होगी और सभी प्रासंगिक पहलुओं पर विचार करने के बाद फ्रांस सरकार के साथ कीमत तथा खरीद की अन्य शर्तों पर बातचीत की जाएगी।

ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) ने कहा कि भारत और फ्रांस के अधिकारी इस दिशा में भी बातचीत कर रहे हैं कि फ्रांसीसी रक्षा विनिर्माता कंपनी साफरान भारत में एक लड़ाकू विमान इंजन बनाने के लिए किसी भारतीय रक्षा विनिर्माता के साथ हाथ मिलाए। यह इंजन भारत के अगली पीढ़ी के विमान और भविष्य के आधुनिक मध्यम लड़ाकू विमान के लिए तैयार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि माना जा रहा है कि 26 राफेल एम विमानों में से चार विमान प्रशिक्षक होंगे। राफेल-एम विमान इस डेक आधारित प्लेटफॉर्म का नौसैनिक प्रारूप है। इसके अलावा, भारतीय नौसेना स्वदेश निर्मित विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत के लिए 26 डेक-आधारित लड़ाकू विमानों की खरीद पर विचार कर रही है। नौसेना ने लंबी प्रक्रिया के बाद खरीद के लिए बोइंग एफ/ए-18 सुपर हॉर्नेट और फ्रांसीसी कंपनी दासॉल्ट एविएशन के राफेल एम विमान के बारे में विचार किया। बाद में राफेल एम इस दौड़ में विजेता रहा। भारतीय वायुसेना के लिए फ्रांस से 36 राफेल विमान पहले ही खरीदे जा चुके हैं।

 

ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) ने कहा कि देखा जाये तो सबमरीन भारत के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं क्योंकि बताया जाता है कि दुनिया में सबसे ज्यादा सबमरीन उत्तर कोरिया के पास 71, अमेरिका के पास 69 और चीन के पास 50 हैं। जबकि भारत के पास अभी सिर्फ 16 ही पनडुब्बियां हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री भारतीय नौसेना की ताकत बढ़ाने में लगे हुए हैं ताकि वह हिंद प्रशांत क्षेत्र में चीन की चुनौतियों से आसानी से निबट सके। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत ने डोकलाम, गलवान और तवांग में चीनी सेना को सबक सिखाया है। चीन से सटी सीमाओं पर हमारे वीर जवान और युद्धक विमान तैनात हैं और अब हिंद प्रशांत क्षेत्र में भारतीय नौसेना को भी ताकतवर बनाने के लिए प्रधानमंत्री जीतोड़ प्रयास कर रहे हैं।

 

ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) ने कहा कि फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के निमंत्रण पर फ्रांस के राजकीय दौरे पर पहुँचे प्रधानमंत्री मोदी फ्रांस के राष्ट्रीय दिवस पर पेरिस में आयोजित समारोह में विशिष्ट अतिथि के रूप में सम्मिलित हुए तो हर भारतीय गौरवान्वित हुआ। बैस्टिल दिवस परेड में भारत की तीनों सेनाओं के दल ने भी हिस्सा लिया, भारतीय वायुसेना ने इस अवसर पर फ्लाई-पास्ट का प्रदर्शन किया जिससे भारत का गौरव बढ़ा है। उन्होंने कहा दोनों देशों की सामरिक साझेदारी की यह 25वीं वर्षगांठ है। देखा जाये तो गहरे विश्वास और संकल्प में निहित दोनों देशों के बीच रक्षा, अंतरिक्ष, असैन्य परमाणु, नीली अर्थव्यवस्था, व्यापार, निवेश, शिक्षा, संस्कृति और लोगों के बीच मेल-मिलाप सहित विभिन्न क्षेत्रों में करीबी सहयोग हो रहा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री की फ्रांस यात्रा काफी महत्वपूर्ण होगी और यह आने वाले वर्षों में दोनों देशों के सामरिक गठजोड़ के लिए ‘नये मानदंड’ तय करेगी।

 

ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) ने कहा कि इसके अलावा, भारत ने हालांकि फ्रांस के कई शहरों में हिंसक घटनाओं को उस देश का आंतरिक मामला बताया है और कहा है कि इसका इस यात्रा पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। लेकिन हो सकता है कि ऐसे हालात से निबटने के मोदी के अनुभव को देखते हुए मैक्रों उनसे कुछ टिप्स भी लें।