संसद में संग्राम : खरगे के आरोपों पर हंगामा, धनखड़ बोले- सबूत पेश करें

राष्ट्रपति के अभिभाषण पर राज्यसभा में चल रही चर्चा में आज भी जमकर हंगामा हो रहा है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने उद्योगपति गौतम अदाणी का नाम लेकर सरकार को घेरने की कोशिश की। पीएम मोदी पर भी कई गंभीर आरोप लगाए। भाजपा सांसदों के विरोध पर सभापति जगदीप धनखड़ ने खरगे को आरोपों के बदले सबूत पेश करने के लिए कह दिया। उधर, भाजपा ने भी खरगे पर पलटवार करते हुए राहुल गांधी के बहनोई रॉबर्ट वाड्रा का मुद्दा उठा दिया। आइए जानते हैं संसद में क्या-क्या हुआ? किसने क्या आरोप लगाए और भाजपा ने कैसे पलटवार किया?   

मल्लिकार्जुन खरगे ने क्या-क्या कहा? 
नफरत फैलाने वालों को क्यों नहीं डराते? : खरगे ने कहा, ‘आज नफरत हर जगह फैल रही है। हमारे ही प्रतिनिधि उसको बढ़ावा दे रहे हैं। मैं प्रधानमंत्री जी से पूछता हूं कि आप चुप क्यों बैठे हो। आप सबको डराते हो, नफरत फैलाने वालों को क्यों नहीं डराते हो। एक नजर पड़ी आपकी तो वो समझ जाएगा कि टिकट नहीं मिलेगा, चुप हो जाएगा। आप मौनी बाबा बनकर बैठे हैं इसलिए ये हालात बने हैं।’दलितों को मंदिर क्यों नहीं जाने देते? : मल्लिकार्जुन खरगे ने सांप्रदायिक और जातिगत भेदभाव का भी मुद्दा उठाया। कहा, ‘कहीं ईसाईयों के धार्मिक स्थल पर निगाहें हैं। दलित वर्ग मंदिर गया तो उसे मारते हैं, सुनवाई नहीं होती। दलितों को हिंदू मानते हैं ना तो उसे मंदिर में क्यों नहीं जाने देते? उसके घर जाकर खाना खाकर मंत्री फोटो शेयर करते हैं। जब धर्म एक है तो उसे मंदिर में क्यों नहीं जाने देते हो? एक तरफ वो हमारे साथ भी नफरत करते हैं। धर्म-जाति-भाषा के नाम पर नफरत कर रहे हैं। नफरत छोड़ो और भारत को जोड़ो। राष्ट्रपति राधाकृष्णन ने कहा था कि हिंदू हो या मुसलमान, राजा हो या किसान…सबका सम्मान करना चाहिए।’

उद्योगपतियों का कर्ज माफ कर दिया, किसानों को लाचार छोड़ दिया : खरगे ने कहा, ‘इस व्यक्ति (गौतम अदाणी) को जो प्रोत्साहन मिला है। बैंकों ने 82 हजार करोड़ लोन दिया। मोदीजी को मालूम होगा कि गुजरात में एक किसान को 31 पैसे बकाया के लिए नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट नहीं मिला। पैसा भी हमारा, पोर्ट, एयरपोर्ट भी हमारे। हमारे ही पैसे से ये सेक्टर खरीद रहे हैं। अगर पब्लिक सेक्टर जिंदा होते तो उसमें रिजर्वेशन होता, नौकरियां होतीं। बीएसएनल होता, या ऐसे पब्लिक सेक्टर होते तो 30 लाख रोजगार होता और 15 लाख रिजर्वेशन मिलता। 10 फीसदी इकोनॉमिकली वीकर सेक्शन को मिलता। सब प्राईवेट कर दे रहे हैं। जो रोजगार था, वो खत्म कर दे रहे हैं। आप तो गरीबों की बात करते हैं ना, आप पब्लिक सेक्टर क्यों खत्म कर रहे हैं। 10 लाख रोजगार यहां पर है। अडाणी को 82 हजार करोड़ दे दिए और उसके पास 20 हजार लोग काम करते हैं।’ खरगे और सभापति के बीच भी हुई बहस
खरगे ने पीएम मोदी और केंद्र सरकार पर कई गंभीर आरोप लगाए। इसपर बीच-बीच में सभापति जगदीप धनखड़ ने उन्हें टोका भी। गौतम अदाणी के कर्ज माफी और किसानों को बेसहारा छोड़ देने के खरगे के आरोपों पर सभापति जगदीप धनखड़ ने टोक दिया। धनखड़ ने खरगे से इसका सबूत पेश करने के लिए कहा। सभापति ने कहा, ‘इसे ऑथेंटिकेट कर दीजिए। ये कोर्ट का ऑर्डर नहीं है। इस मंच से केवल उसी विषय में बात होगी, जो देश से जुड़ा होगा। बिना आधार के इस जगह से आरोप नहीं लगाए जा सकते हैं।’

खरगे ने आगे कहा, ‘अगर मैं सच कहता हूं तो ये राष्ट्रविरोधी है। मैं किसी भी आदमी से ज्यादा देशभक्त हूं। मैं अफगानिस्तान या जर्मनी से नहीं आया हूं। मैं भारतीय हूं। आप मेरी भावनाएं आहत कर रहे हैं।’ इसपर सभापति ने कहा, ‘मैं जानता हूं कि आप देशभक्त हैं मिस्टर खरगे। मैं ना इस तरफ हूं और ना उस तरफ… मैं संविधान की साइड में हूं।’

खरगे ने अपने संबोधन में कहा, ‘किस तरह से एक आदमी 12 लाख करोड़ पर कब्जा करके बैठा है। जेपीसी बनाइए और अगर ये घोटाला करने वाले हरिश्चंद्र निकले, पाक-साफ निकले तो हम इन्हें माला पहनाएंगे।’ कब्जा शब्द बोलने पर फिर से सभापति ने खरगे को टोक दिया।

खरगे ने आगे जेपीसी की मांग करते हुए सभापति जगदीप धनखड़ की तारीफ करनी शुरू कर दी। उन्होंने कहा, ‘सभापतिजी बहुत अच्छे एडवोकेट हैं। कुछ बातें बताऊं। आपने मुझे बताया था कि जब आप वकालत करते थे तो शुरू-शुरू में हाथ से पैसे गिनते थे। बाद में मशीन ले लिया और मशीन से पैसे गिनने शुरू कर दिए।’ इसपर सभापति ने हंसते हुए कहा, हाथ जोड़ता हूं। मैंने मशीन से पैसे गिनने की बात नहीं की है। ये गलत है। लगता है कि आप मुझपर भी जेपीसी बैठाएंगे।’