देश का पहला सौर-ऊर्जा आत्मनिर्भर गांव बना मध्य प्रदेश का बाचा ग्राम

 Popular (Rashtra Pratham)  भोपाल। मध्य प्रदेश के बैतूल जिले में घोड़ाडोंगरी तहसील की खदारा ग्राम पंचायत का छोटा सा गांव बाचा सौर ऊर्जा समृद्ध गाँव के रूप में देश भर में प्रतिष्ठा अर्जित कर चुका है। यहाँ की आबादी 450 है। यह मुख्य रूप से आदिवासी बहुल गाँव है। अधिकतर गोंड परिवार रहते हैं। गांव के आदिवासी युवा अनिल उइके बेहद उत्साहित होते हुए बताते हैं कि ”वर्षों से ऊर्जा की कमी की पीड़ा झेलते-झेलते आख्रिरकार हम ऊर्जा-सम्पन्न बन गये। हमारा गाँव बाचा देश का पहला सौर-ऊर्जा आत्म-निर्भर गाँव बन गया है।यह सब 2017 में शुरू हुआ जब आईआईटी बॉम्बे ने इस परियोजना के लिए बाचा को चुना। इस बारे में जनपद पंचायत घोड़ाडोंगरी के सदस्य रूमी दल्लू सिंह धुर्वे बताते हैं कि-‘आईआईटी बॉम्बे ने सौर पैनल स्थापित करने में मदद की, जबकि तेल और प्राकृतिक गैस निगम (ओएनजीसी) ने इंडक्शन चूल्हे दिए।’ बाचा का एक स्थानीय व्यक्ति देवासु सौर पैनलों, इंडक्शन स्टोव, बल्ब कनेक्शन, भंडारण बैटरी और अन्य तकनीकी पहलुओं का ध्यान रखता है। वह पूछता रहता है कोई समस्या तो नहीं आ रही। छोटी-मोटी शिकायतों पर तुरंत मरम्मत करता है।