राजनाथ की चीन को दो टूक

 दिल्ली। पूर्वी लद्दाख में तनावपूर्ण स्थिति के बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अपने चीनी समकक्ष जनरल वेई फेंगही को स्पष्ट संदेश दिया कि चीन वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) का पूर्णत: सम्मान करे और यथास्थिति को बदलने की एकतरफा कोशिश न करे। मई की शुरुआत में पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर पैदा हुए तनाव के बाद दोनों देशों के बीच यह पहली उच्चस्तरीय आमने-सामने की बैठक हुई। मास्को में शुक्रवार को हुई बैठक में सिंह ने वेई से कहा कि पैंगोंग झील समेत गतिरोध वाले सभी बिंदुओं से सैनिकों की यथाशीघ्र पूर्ण वापसी के लिये चीन को भारतीय पक्ष के साथ मिलकर काम करना चाहिए। शनिवार को यहां जारी एक आधिकारिक बयान के मुताबिक भारत के अपनी संप्रभुता और अखंडता की रक्षा करने के लिए प्रतिबद्ध होने का जिक्र करते हुए सिंह ने कहा कि बड़ी संख्या में सैनिकों का जमावड़ा, आक्रामक व्यवहार और यथास्थिति को बदलने की एकतरफा कोशिश जैसे चीन के कदम द्विपक्षीय समझौते का उल्लंघन है। सिंह ने अपने चीनी समकक्ष से स्पष्ट किया कि मौजूदा हालात को जिम्मेदारी से सुलझाने की जरूरत है और दोनों पक्षों की ओर से आगे कोई ऐसा कदम नहीं उठाया जाना चाहिए जिससे मामला जटिल हो और सीमा पर तनाव बढ़े। बयान में कहा गया कि सिंह ने सलाह दी कि यह महत्वपूर्ण है कि चीनी पक्ष कड़ाई से एलएसी का पालन करे और उसे यथास्थिति को एकतरफा बदलने की कोशिश नहीं करनी चाहिए। विदेश मंत्रालय और रक्षा मंत्रालय द्वारा जारी बयान में कहा गया, “दोनों मंत्रियों के बीच भारत-चीन सीमा क्षेत्रों की घटनाओं एवं भारत चीन संबंधों पर भी स्पष्ट एवं गहन चर्चा हुई।”