माफिया अतीक अहमद, भाई अशरफ, पत्नी शाइस्ता सहित बेटों पर एफआईआर

विधायक राजू पाल हत्याकांड के गवाह उमेश पाल की हत्या के मामले में पूर्व सांसद अतीक अहमद, उसके भाई पूर्व विधायक मोहम्मद खालिद अजीम उर्फ अशरफ, पत्नी शाइस्ता परवीन, गुलाम और गुड्डू मुस्लिम के अलावा अतीक के बेटों पर एफआईआर दर्ज कराई गई है। अतीक अहमद के अज्ञात सहयोगी भी आरोपी बनाए गए हैं। उधर, एसटीएफ द्वारा उमेश पाल हत्याकांड में बीजेपी अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के जिला अध्यक्ष राहिल हसन को रसूलाबाद निवास से उठाने की सूचना है।

रात में ही पत्नी और बच्चों को पुलिस ने लिया था हिरासत में
उमेश पाल हत्याकांड में घटना के कुछ देर बाद ही अतीक अहमद के दो बेटों असद व अहजम को पुलिस ने उठा लिया। उन्हें गोपनीय स्थान पर ले जाकर पूछताछ चलती रही। इसके अलावा उनके दो दोस्तों और तीन अन्य लोगों को भी हिरासत में लेकर पूछताछ की गई। पुलिस ने शाइस्ता परवीन से भी पूछताछ की। दरअसल सूत्रों के मुताबिक, घटना के बाद जो सीसीटीवी फुटेज जारी हुआ, उसमें एक हमलावर को देखकर इस हत्याकांड में शक की सुई सबसे ज्यादा अतीक अहमद पर है।इसके बाद पुलिस ने दबिश देकर अतीक के दो बेटों असद व अहजम को उठा लिया। असद तीसरे, जबकि अहजम अतीक का चौथे नंबर का बेटा है। उन्हें गोपनीय स्थान पर ले जाया गया और पूछताछ की गई। उधर, उनके दो दोस्तोंं को भी पुलिस ने हिरासत में लिया। इसके अलावा महिला ग्राम इलाके के तीन अन्य युवकों को भी उठाया गया जिनसे देर रात तक पुलिस पूछताछ में जुटी रही।उमेश पाल और उनके गनर की कल कर दी गई थी हत्या
चर्चित बसपा विधायक राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह उमेश पाल की शुक्रवार शाम स्वचालित हथियार से गोली मार कर हत्या कर दी गई। उनकी सुरक्षा में लगे दो गनर भी गंभीर रूप से घायल हो गए। गोली और बम की तड़तड़ाहट से इलाका थर्रा उठा। घटना शुक्रवार की शाम 5:15 बजे उस वक्त हुई जब उमेश जिला कचहरी से कार से धूमनगंज स्थित अपने घर पहुंचे।

घटना के बाद हमलावर बाइक से भाग निकले। पुलिस कमिश्नर रमित शर्मा ने हत्या की पुष्टि की। वारदात के बाद धूमनगंज और आसपास का इलाका छावनी में तब्दील हो गया। सुरक्षा में तैनात गनर संदीप निषाद की भी उपचार के दौरान मौत हो गई, जबकि दूसरे गनर राघवेंद्र सिंह की हालत नाजुक बनी हुई है।

शहर पश्चिम के विधायक रहे राजू पाल की 25 जनवरी 2005 को धूमनगंज इलाके में हत्या कर दी गई थी। इस मामले में उनके रिश्तेदार और दोस्त उमेश पाल मुख्य गवाह थे। उमेश ने लोअर कोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक में राजू पाल हत्याकांड की पैरवी की थी। इसी कारण अतीक गिरोह से उनकी खुलेआम दुश्मनी हो गई थी।