बमबाज गुड्डू मुस्लिम: लोग गोली मारकर हत्या करते हैं ये बम मारकर

राजूपाल हत्याकांड के इकलौते गवाह उमेश पाल की सरेशाम 24 फरवरी को प्रयागराज में हत्या कर दी गई। कचहरी से घर आने के बाद जैसे ही उमेश पाल की कार बाहर रुकी सेकंड भर का भी समय न गंवाते हुए 13 हमलावरों ने अचानक उन पर गोलियों की बौछार शुरू कर दी। इसी एक हमलावर ऐसा भी था जो सिर्फ एक झोले से बम निकालकर फेंकता जा रहा था। उसने एक के बाद एक इतने बम फेंके कि सब धुआं-धुआं हो गया और पूरे इलाके में दहशत फैल गई। वह कुछ अलग ही अंदाज में बम फेंक रहा था जिससे देखने वाले खौफजदा थे। बाइक पर सवार इस बम फेंकने वाले शख्स का नाम गुड्डू मुस्लिम था।उमेश पाल हत्याकांड के बाद से ही गुड्डू मुस्लिम का नाम लगातार सोशल मीडिया पर भी ट्रेंड कर रहा है। इस घटना की जांच के दौरान जब सीसीटीवी फुटेज खंगाले गए तो उसमें जिन लोगों की पहचान हुई उसमें बम फेंकते हुए गुड्डू मुस्लिम को पाया गया। जरायम की दुनिया में बम एक्सपर्ट और बमबाज गुड्डू के नाम से मशहूर गुड्डू मुस्लिम ने कैसे ये पहचान पाई, पढ़ें उसकी पूरी अपराध हिस्ट्री…

गुड्डू मुस्लिम की पैदाइश प्रयागराज की ही है। वह स्कूल के दिनों से ही लूट और रंगदारी जैसे अपराधों में लिप्त हो चुका था। गुड्डू स्कूली दिनों में ही कुछ बड़े अपराधियों से संपर्क में आया और उसने बम बनाना सीख लिया। घरवालों ने परेशान होकर जब उसे लखनऊ पढ़ने भेजा तो यहां उसके कदम रुके नहीं बल्कि कुछ सालों बाद यहां वह दो बड़े बाहुबलियों अभय सिंह व धनंजय सिंह से मिला। उस वक्त ये दोनों ही लखनऊ विश्वविद्यालय में पढ़ते थे।

1997 तक टीचर की हत्या के आरोपी चल रहे धनंजय सिंह, मुख्तार अंसारी का दाहिना हाथ माने जाने वाले अभय सिंह का मजबूत गैंग बन गया था और गुड्डू मुस्लिम इनके गैंग का महत्वपूर्ण सदस्य बन चुका था।

 

पहली बार 1997 में चर्चा में आया

गुड्डू मुस्लिम का नाम अपराध की दुनिया में पहली बार तब चर्चा में आया, जब उसने 7 मार्च 1997 को लखनऊ के चर्चित लामार्टीनियर स्कूल के गेम टीचर फेड्रिक जे गोम्स की हत्या कर दी। इस मामले में सबसे दिलचस्प ये रहा कि गुड्डू मुस्लिम गिरफ्तार हुआ, उसने जुर्म कुबूलने के साथ ही कैसे घटना को अंजाम दिया ये भी बताया। लेकिन पुलिस उसे दोषी साबित नहीं कर सकी और वह बरी हो गया।

एक कॉल और रेलवे का टेंडर पूल

गुड्डू मुस्लिम के करीबी संबंध पूर्वांचल के एक बाहुबली पूर्व सांसद और फैजाबाद के बाहुबली विधायक से भी रहे हैं। दोनों लखनऊ में रेलवे, मोबाइल टॉवर आदि के टेंडर पूल कराने के लिए गुड्डू मुस्लिम की मदद लेते थे। उस दौरान चारबाग के बाहुबली एमएलसी अजीत सिंह का रेलवे आदि में दबदबा था।

अजीत गिरोह से मोर्चा लेने के लिए गुड्डू का इस्तेमाल किया जाता था। बसपा सरकार में हुए इंजीनियर हत्याकांड में पुलिस को उसकी तलाश थी। गोरखपुर का एक माफिया जिसको कुख्यात अपराधी श्रीप्रकाश शुक्ला अपना गुरू मानता था, वो भी गुड्डू का करीबी है। गुड्डू खुद शुक्ला को अपना गुरु मानने लगा था। सभी बड़ी वारदात में उसे श्रीप्रकाश शुक्ला का साथ मिलने लगा था। श्रीप्रकाश के एनकाउंटर के बाद गुड्डू गोरखपुर के माफिया परवेज टाडा के संपर्क में आया, जिससे उसे शुक्ला ने ही मिलवाया था।

अतीक ने कराई थी जमानत

करीब 15 वर्ष पहले गुड्डू को गोरखपुर पुलिस ने पटना जेल के बाहर से गिरफ्तार किया था जिसके बाद अतीक ने उसकी जमानत कराई थी। साल 2009 में परवेज टाडा के एनकाउंटर के बाद वो अतीक का खास गुर्गा बन गया था। उसके एक इशारे पर कुछ भी करने को तैयार रहता था। जेल से छूटने के बाद गुड्डू मुस्लिम ने अतीक के कहने पर कई वारदातों को अंजाम दिया।

राजू पाल हत्याकांड में भी था शामिल

विधायक राजूपाल की 2005 में हुई हत्या में भी वह शामिल था। शुरुआत में उसका नाम इस हत्याकांड में शामिल नहीं था लेकिन 2007 में मायावती की सरकार आने के बाद यह केस दोबारा खुला और जांच हुई तो उसमें अतीक के परिवार समेत छह शूटरों का नाम सामने आया जिसमें गुड्डू मुस्लिम का भी नाम था। सीबीआई-सीआईडी ने भी गुड्डू को दोषी पाया।