परिवार में कमाने वाले इकलौते थे रतनलाल

-बुराड़ी में पत्नी और तीन बच्चों के साथ रहते थे, भाई और माता-पिता राजस्थान में
-रतनलाल वर्ष 1998 में दिल्ली पुलिस में सिपाही भर्ती हुए थे
-पत्नी को टीवी से पता लगा था कि रतनलाल के साथ अनहोनी हो गई है

उत्तर-पूर्वी जिले में सोमवार को हुई हिंसा में शहीद दिल्ली पुलिस के हवलदार रतनलाल (42) परिवार में कमाने वाले इकलौते थे। वे पत्नी और तीन बच्चों के साथ बुराड़ी में रहते थे। उनके शहीद होने की खबर के बाद रिश्तेदारों का उनके घर पहुंचना शुरू हो गया। उनके घर में मातम का माहौल है। दिल्ली पुलिस के अधिकारियों के अनुसार, रतन लाल मूल रूप से राजस्थान के सीकर में गांव तिहावली के रहने वाले थे। दिल्ली में वे बुराड़ी में अमृत विहार की गली नंबर 8 में पत्नी पूनम, दो बेटियों सिद्धि (13), कनक(10) और बेटे राम (5) के साथ रहते थे। पूनम गृहिणी हैं। सिद्धि 7वीं, कनक 5वीं और राम पहली कक्षा में पढ़ते हैं। तीनों बच्चे एनपीएल स्थित दिल्ली पुलिस पब्लिक स्कूल में हैं। रतनलाल का छोटा भाई दिनेश गांव में रहता है और एक भाई मनोज बंगलूरू में नौकरी करता है।

रतनलाल वर्ष 1998 में दिल्ली पुलिस में सिपाही भर्ती हुए थे। फिलहाल वे एसीपी गोकलपुरी ऑफिस में तैनात थे। सोमवार को वे ड्यूटी पर थे तो पत्नी ने हालचाल जानने के लिए फोन किया था। पत्नी को टीवी से पता लगा था कि रतनलाल के साथ अनहोनी हो गई है। तभी से वे फोन कर रही थीं। फोन किसी ने नहीं उठाया। कुछ देर में पता चल गया कि रतनलाल शहीद हो गए हैं। यह खबर सुनकर पूनम बेहोश हो गई थीं।

उत्तम नगर से रतनलाल के घर पहुंचे एक रिश्तेदार ने कहा कि उन्हें टीवी से पता लगा है कि रतनलाल की मौत हो गई है। रिश्तेदार का कहना था कि पुलिसकर्मी कुछ बता नहीं रहे हैं। सुनने में आया है कि उनके सिर में गोली लगी थी, जबकि कुछ पुलिसकर्मी बता रहे थे कि रतनलाल के सिर में पत्थर लगा है।