सियासत की बातें (Rashtra Pratham) :- चुनावी राजनीति में जातीय समीकरणों के लगातार मजबूत हुए चक्रव्यूह से बढ़ी चुनौतियां कांग्रेस को भी अब राज्यों में सामाजिक संतुलन की सियासत पर फोकस करने के लिए बाध्य करने लगी हैं। राजनीतिक पार्टियों की चुनावी सफलता में ठोस आधार वोट बैंक की निर्णायक भूमिका को देखते हुए कांग्रेस को भी लगने लगा है कि राज्यों में सामाजिक संतुलन की सियासत के बिना अपने छिटके वोट बैंक को वापस लाना आसान नहीं है।
इस हकीकत का यह अहसास ही है कि पंजाब से लेकर तेलंगाना और झारखंड से लेकर महाराष्ट्र तक के संगठनात्मक बदलावों में पार्टी इन सूबों के सामाजिक संतुलन की सियासत में अपनी पैठ बनाने की कोशिश करती नजर आ रही है।