इमरान पर हमले मामले में भारत ने दी प्रतिक्रिया

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान पर हुए हमले को लेकर भारत ने सतर्क प्रतिक्रिया दी है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि हम करीब से इस पर नजर रखे हुए हैं और हम हालात की निगरानी करना जारी रखेंगे। इस पर अभी ज्यादा कुछ कहने के लिए नहीं है।

जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग 
पाकिस्तानी पीएम की चीन यात्रा के दौरान कश्मीर के जिक्र पर अरिंदम बागची ने कहा, हमने देखा है कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री की चीन यात्रा के बाद जारी संयुक्त बयान में भारतीय केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के कई अनुचित संदर्भ शामिल हैं। जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के केंद्र शासित प्रदेश भारत का अभिन्न और अविभाज्य हिस्सा हैं और हमेशा रहेंगे।
उन्होंने कहा, जहां तक चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) का सवाल है, हमने लगातार चीन और पाकिस्तान को अपने विरोध और चिंताओं से अवगत कराया है। सीपीईसी में भारत के संप्रभु क्षेत्र की परियोजनाएं शामिल हैं जो जबरन और अवैध बाहरी कब्जे में हैं।

यूक्रेन-रूस संघर्ष पर हमारी स्थिति हमेशा स्पष्ट
विदेश मंत्री एस जयशंकर की यात्रा पर अरिंदम बागची ने कहा कि यूक्रेन-रूस संघर्ष पर हमारी स्थिति हमेशा स्पष्ट रही है, हम चाहते हैं कि बातचीत द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर केंद्रित हो और मुझे लगता है कि हमारे विदेश मंत्री इस पर चर्चा करेंगे।

कतर में हिरासत में भारतीय नौसेना के 8 पूर्व अधिकारियों की रिपोर्ट पर विदेश मंत्रालय ने कहा कि कतर में भारतीय दूतावास के अधिकारियों को हिरासत में लिए गए भारतीय नागरिकों तक कांसुलर एक्सेस मिला और उनकी सलामती का पता लगाया गया। हमने दोबारा उन तक पहुंच मांगी है। उनकी जल्द रिहाई के लिए प्रयास कर रहे हैं।

कनाडा में खालिस्तान जनमत संग्रह मंजूर नहीं
कनाडा में खालिस्तान जनमत संग्रह पर बागची ने कहा कि कनाडा सरकार ने सूचित किया है कि वे भारत की संप्रभुता का सम्मान करते हैं और (खालिस्तान) जनमत संग्रह को मान्यता नहीं देंगे। यह बहुत आपत्तिजनक है कि उग्रवादी तत्वों द्वारा राजनीतिक रूप से प्रेरित कार्यक्रम एक मित्र देश में चलाने की अनुमति दी गई।

ट्विटर के नए मालिक एलन मस्क द्वारा वैरीफाइड अकाउंट के लिए 8 डॉलर के सदस्यता शुल्क के सवाल पर प्रवक्ता ने कहा कि हमें सशुल्क सदस्यता की प्रक्रिया के बारे में जानकारी नहीं है। जब भी ऐसा होगा, हम इस सदस्यता सेवा की रूपरेखा के आधार पर निर्णय लेंगे।