मुंबई। महाराष्ट्र सरकार ने मंगलवार को बंबई उच्च न्यायालय को बताया कि केन्द्र के मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी (एमटीपी) कानून (वैधानिक तरीके से गर्भपात संबंधी कानून) में हाल में हुए संशोधन को कोविड-19 महामारी के कारण अभी तक केन्द्र सरकार द्वारा लागू नहीं किया गया है। इन संशोधनों में 22 सप्ताह (साढ़े पांच महीने) की गर्भावस्था तक कानूनी रूप से गर्भपात कराने की बात है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 25 मार्च, 2021 को एमटीपी (संशोधन) विधेयक पर हस्ताक्षर किये थे और केन्द्र सरकार ने उसे अधिसूचित किया है।
सरकारी वकील पूर्णिमा कंथारिया ने न्यायमूर्ति के. के. तातेड़ और न्यायमूर्ति अभय आहूजा की पीठ को बताया, ‘‘लेकिन, कोविड-19 महामारी के कारण इसे लागू करने में देरी हो रही है।’’ पीठ कानूनी रूप से गर्भपात कराने संबंधी तीन याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी। इनमें से दो याचिकाकर्ताओं को 22 सप्ताह की गर्भावस्था है और उन्होंने बच्चे में स्वास्थ्य संबंधी विकारों के कारण उसके जीवित रहने की क्षीण संभावनाओं को देखते हुए गर्भपात का अनुरोध किया है।