सियासत की बातें (Rashtra Pratham) कांग्रेस के लिए मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है। मध्य प्रदेश, राजस्थान के बाद अब पंजाब में भी पार्टी आंतरिक कलह की समस्या से जूझ रही है। पंजाब कांग्रेस में सुपर फाइट देखने को मिल रही है। पार्टी के दो सांसद प्रताप सिंह बाजवा और शमशेर सिंह ढुलो ने मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। पंजाब में जहरीली शराब मामले की जांच सीबीआई से करवाने की मांग को लेकर भाजपा और ढुलो मुख्यमंत्री पर हमलावर हैं। इसके बाद मामला यह हो गया है कि पंजाब के मंत्री बाजवा और ढुलो के खिलाफ एकजुट हो गए हैं। जहां मंत्री दोनों सांसदों के निष्कासन की मांग कर रहे हैं तो वहीं भाजपा और दलों के तेवर भी नरम नहीं पड़ रहे हैं। ऐसे में सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह के लिए चुनौतियां काफी बढ़ गई है।पंजाब के सियासी उथल-पुथल को देखते हुए अब कई सवाल उठने लगे है। क्या कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष प्रताप सिंह बाजवा पंजाब में सचिन पायलट या ज्योतिरादित्य सिंधिया साबित होंगे? क्या भाजपा पंजाब में भी बात करने में कामयाब हो पाएगी जो उसने मध्यप्रदेश और राजस्थान में कर दिखाएं। जो भी हो लेकिन पंजाब कांग्रेस के आंतरिक कलह का असर जनता पर पड़ रहा है। जहरीली शराब कांड को लेकर अमरिंदर सिंह की सरकार भीतरी और बाहरी हमले भी झेल रही है। कांग्रेस के लोग लगातार सफाई दे रहे है। विपक्ष कैप्टन पर हमलावर है। ऐसे में पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष सुनील जाखड़ ही नहीं सभी मंत्री विपक्ष के हमलों का जवाब दे रहे है। पर उसका क्या जो खुद पार्टी के भीतर से सवाल उठ रहे हैं।