सियासत की बातें (Rashtra Pratham) जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोमवार को कहा कि भारत विभिन्न जातियों, धर्मां और भाषाओं का एक गुलदस्ता है जिसे मजबूत बनाने के लिए सभी को साथ मिलकर काम करना होगा। गहलोत ने कहा कि अल्पसंख्यकों को विकास की मुख्यधारा में लाने के लिए विशेष प्रयासों की जरूरत है क्योंकि गरीबी के खिलाफ लड़ाई जीतने के लिए यह आवश्यक है कि सभी वर्गों के लोग एक साथ आएं। गहलोत ने सोमवार को अल्पसंख्यक मामले व वक्फ विभाग द्वारा विभिन्न जिलों में आठ भवनों का वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए लोकार्पण किया।इस अवसर पर उन्होंने कहा कि ये निर्माण कार्य अल्पसंख्यक समुदाय के लिए आधारभूत सुविधाओं के विस्तार के उद्देश्य को हासिल करने में मील का पत्थर साबित होंगे। इन सुविधाओं के विस्तार से अल्पसंख्यक बाहुल्य क्षेत्र में लोगों को शिक्षा तथा स्वास्थ्य सेवाओं में लाभ मिलेगा। कार्यक्रम में अलवर जिले के हसनपुर माफी, लधावड़ा और सहजपुर तथा भरतपुर जिले के कामां में राजकीय अल्पसंख्यक बालिका छात्रावासों का लोकार्पण किया गया। साथ ही, अलवर के तिजारा और ढाढोली-रामगढ़ में राजकीय नर्सिंग कॉलेजों का भी लोकार्पण किया। इन सभी भवनों की कुल निर्माण लागत 18.75 करोड़ रूपये है। इस दौरान सवाई माधोपुर में राजकीय अल्पसंख्यक बालिका छात्रावास तथा झुन्झुनू में कॉमन सर्विस सेन्टर के भवनों का शिलान्यास भी किया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार राज्य के सभी क्षेत्रों में शिक्षा व स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए आवश्यकता के अनुरूप संसाधन उपलब्ध करा रही है। उन्होंने कहा कि कुछ क्षेत्रों में अल्पसख्यंक वर्ग में शिक्षा का अभाव है और इन क्षेत्रों में शिक्षा के लिए सुविधाओं का विकास करना राज्य सरकार की प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि किसी भी समाज की उन्नति शिक्षा के प्रसार से ही सम्भव है। अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री शाले मोहम्मद ने मदरसा बोर्ड को वैधानिक दर्जा देने के लिए मुख्यमंत्री गहलोत का आभार व्यक्त किया।