सियासत की बातें (Rashtra Pratham): राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने पश्चिम बंगाल में चुनाव बाद हिंसा की निंदा करते हुए शु्क्रवार को कहा कि चुनाव परिणाम के तुरंत बाद राज्य में अनियंत्रित तरीक़े से हुई राज्यव्यापी हिंसा न केवल निंदनीय है, बल्कि पूर्व नियोजित भी है तथा लोकतंत्र की मूल भावना के भी विपरीत है। पश्चिम बंगाल में दो मई को विधानसभा चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद हिंसा की अनेक घटनाओं की खबरें आई हैं। भाजपा ने तृणमूल कांग्रेस पर हिंसा का आरोप लगाया है और कहा है कि इन हिंसक घटनाओं में उसके कई कार्यकर्ता मारे गए और कई घायल हुए।
राज्य में चुनाव में ममता बनर्जी नीत तृणमूल कांग्रेस को भारी बहुमत हासिल हुई, जबकि भाजपा मुख्य विपक्षी दल के रूप में सामने आई। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने अपने बयान में कहा कि बंगाल में असामाजिक शक्तियों ने महिलाओं के साथ घृणास्पद बर्बर व्यवहार किया, निर्दोष लोगों की क्रूरतापूर्ण हत्याएँ कीं, घरों को जलाया।
उन्होंने दावा किया कि इन घटनाओं में व्यवसायिक प्रतिष्ठानों-दुकानों को लूटा एवं हिंसा के फलस्वरूप अनुसूचित जाति-जनजाति समाज के बंधुओं सहित हज़ारों लोग अपने घरों से बेघर होकर प्राण-मान रक्षा के लिए सुरक्षित स्थानों पर शरण के लिए मजबूर हुए हैं। आरएसएस के सरकार्यवाह ने आरोप लगाया कि इस पाशविक हिंसा का सर्वाधिक दुखद पक्ष यह है कि शासन और प्रशासन की भूमिका केवल मूक दर्शक की ही दिखाई दे रही है। दंगाइयों को ना ही कोई डर दिखाई दे रहा है और ना ही शासन-प्रशासन की ओर से नियंत्रण की कोई प्रभावी पहल दिखाई दे रही है।