धोखाधड़ी के आरोपी को रिहा करना कानून से मजाक जैसा

 खबरें देश की (Rashtra Pratham): चुनाव आयोग की फर्जी वेबसाइट बनाकर मतदाता पहचान पत्र बनवाने या उसमें बदलाव के नाम पर 5 हजार से ज्यादा लोगों से धोखाधड़ी करने वाले आरोपी को अदालत ने जमानत देने से इनकार कर दिया है। अदालत ने कहा कि ऐसे आरोपी को जमानत पर रिहा करना कानून का मजाक बनाने जैसा है।

इस आरोपी का कृत्य सरकारी तंत्र को चुनौती देने जैसा है। पटियाला हाउस स्थित अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेन्द्र राणा की अदालत ने आरोपी विशेष जांगिड की जमानत याचिका को नामंजूर करते हुए कहा कि पांच हजार से ज्यादा लोगों की सूची इस आरोपी के लैपटॉप में मिली है।शिकायतकर्ताओं के सामने आने का सिलसिला लगातार जारी है।

ऐसे में इस आरोपी के हाथों कथित तौर पर शिकार बने लोगों की संख्या लगातार बढ़ रही है। वहीं, पुलिस की तरफ से अदालत को बताया गया कि आरोपी की गिरफ्तारी लॉकडाउन के दौरान 28 मई को हुई थी। चुनाव आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने इस बाबत दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल को शिकायत दी थी। इसमें कहा गया था कि कोई बाहरी व्यक्ति चुनाव आयोग की फर्जी वेबसाइट बना लोगों से मतदाता पहचान पत्र बनाने व उसमें बदलाव के लिए ठगी कर रहा है।