खबरें देश की (Rashtra Pratham): हमारे देश में कोरोना वायरस के साथ साथ एक और गंभीर समस्या बन पड़ी है। वो है लॉकडाउन के कारण प्रवासी लोगों का उनके घर तक पहुंचना। जैसे-जैसे लॉकडाउन के दिन गुजरते जा रहे हैं वैसे वैसे दो जून की रोटी तलाश में रोज मजदूरी करने वालों के लिए भूख का संकट बढ़ता जा रहा है। ऐसे में हजारों की संख्या में लोग पैदल ही निकल पड़े अपने घरों के लिए। रेल, बस सभी सेवाएं ठप, सैंकड़ों किमी का सफर, भूख से परेशान लोगों की मदद के लिए सरकार, स्थानीय प्रशासन के अलावा अब सेना भी आगे आ गई है।
शनिवार से रोडवेज की बसें प्रवासियों को उनके गंतव्य तक पहुंचा रही है। वहीं अब सेना ने अपने दस ट्रक लोगों को उनके घर तक पहुंचाने में लगा दिए हैं। रविवार सुबह से सेना ने प्रवासी लोगों की सहायता के लिए दस ट्रकों को रवाना किया। वहीं जिला प्रशासन द्वारा 154 बसों की व्यवस्था की गई है। इसमें कुछ शिक्षण संस्थानों की भी बसें सहायता के लिए ली गई हैं।
लॉकडाउन में देश की राजधानी दिल्ली से अपने घरों को पैदल कूच पर निकल पड़ी जनता की मदद के लिए सेना ने भी दरवाजे खोल दिए हैं। आगरा मेंं सेना ने राहगीरोंं को उनके गतंव्य तक पहुंचाने के लिए दस टक उपलब्ध कराए हैंं। डीएम प्रभु एन सिंंह ने बताया कि रविवार को रोडवेज की 154 बसोंं से दिल्ली, हरियाणा आदि स्थानों से आए यात्रियों को उनके गतंव्य तक पहुंचाया जा रहा हैै। अभी कुछ ओर बसों की व्यवस्था की गई है। रविवार की देर तक कोशिश है कि अपने गतंव्य की ओर जाने वाला एक भी यात्री वंचित न रहे। सेना ने खेरिया मोड, एमजी रोड आदि स्थानों पर इन यात्रियों को गंतव्य तक पहुंचाने केे लिए दस ट्रक उपलब्ध कराए हैं।