मौसम विज्ञानियों ने बताया दिल्ली-एनसीआर में ऐसा क्यों देखने को मिल रहा मौसम का ट्रेंड

खबरें देश की (Rashtra Pratham) :- इस बार अगस्त में दिल्ली की हवा ही खराब नहीं रही बल्कि मौसम ने भी कई उतार चढ़ाव देखे। सावन का महीना सूखा- सूखा सा गया तो तापमान में इजाफा देखने को मिला। बारिश सामान्य स्तर तक भी नहीं पहुंच पाई। मौसम विज्ञानी इसके लिए सीधे तौर पर जलवायु परिवर्तन को ही बड़ा कारण मान रहे हैं। जून से सितंबर तक मानसून के चार महीनों में जुलाई और अगस्त सर्वाधिक बारिश वाले माह होते हैं। लेकिन इस बार यह मिथक टूट गया। अगस्त में सामान्य बारिश भी नहीं हुई। होनी चाहिए थी 247.7 मिमी जबकि हुई 214.5 मिमी यानी 13 फीसद कम। बादल भी पूरे महीने में महज 10 दिन ही बरसे। माह का पहला पखवाड़ा तो बिल्कुल सूखा सा गया।

मानसून दो बार ब्रेक पर रहा।एक बार 10 दिनों के लिए, जबकि दूसरी बार चार से पांच दिनों के लिए। 21 अगस्त को बारिश ने 14 साल का रिकार्ड तोड़ दिया। 138.8 मिमी बारिश अगस्त में 24 घंटे की सर्वाधिक और 1961 के बाद दूसरी सबसे ज्यादा बारिश दर्ज की गई। बारिश का माह होने के कारण अगस्त में तापमान ज्यादा नहीं जाता, गर्मी के तेवर भी थोड़ा नरम ही रहते हैं, लेकिन इस बार ऐसा भी नहीं हुआ। माह का औसत अधिकतम तापमान है 34.1 डिग्री सेल्सियस जबकि इस बार 0.5 डिग्री ज्यादा 34.6 डिग्री सेल्सियस रहा। 18 और 19 अगस्त को तो यह पिछले एक दशक का रिकार्ड तोड़ते हुए 38.0 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया। इसी तरह माह का औसत न्यूनतम तापमान 26.3 डिग्री सेल्सियस है, जबकि इस साल 0.4 डिग्री ज्यादा 26.7 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड हुआ। 21 अगस्त को माह का सबसे कम न्यूनतम तापमान 23.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था।