राज्य में संविधान की रक्षा नहीं हुई तो कार्रवाई होगी

खबरें देश की (Rashtra Pratham): पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने सोमवार को दावा किया कि तृणमूल कांग्रेस सरकार ने राज्य को ‘पुलिस शासित राज्य’ में बदल दिया है और सत्ता द्वारा उनके पद की लंबे समय से अनदेखी की जा रही है जिसके कारण उन्हें संविधान के अनुच्छेद 154 पर विचार करना होगा। संविधान के अनुच्छेद 154 में उल्लेख है कि राज्य के कार्यकारी अधिकार राज्यपाल में निहित होंगे और वह प्रत्यक्ष रूप से या अपने अधीनस्थ अधिकारियों के माध्यम से उन अधिकारों का इस्तेमाल कर सकेंगे।

इस पर त्वरित प्रतिक्रिया देते हुए तृणमूल कांग्रेस ने राज्यपाल पर ‘उनके पद की छवि बिगाड़ने’ का आरोप लगाया और कहा कि उन्हें इसके बजाय प्रदेश भाजपा अध्यक्ष का पद संभालना चाहिए। धनखड़ ने राज भवन के रोजाना के खर्चों की पूर्ति के लिए 53.5 लाख रुपये का अतिरिक्त बजट आवंटन बढ़ाने के राज भवन के अनुरोध को खारिज करने पर राज्य सरकार से नाराजगी जताई थी। राज्यपाल ने कहा कि राज्य सरकार का बर्ताव अस्वीकार्य है।

धनखड़ ने अपने पत्र का जवाब देने में ‘गैरजिम्मेदाराना रुख’ अख्तियार करने पर पुलिस महानिदेशक वीरेंद्र की आलोचना की और कहा कि पुलिस अधिकारी सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं की तरह काम कर रहे हैं।

राज्यपाल ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘अगर संविधान की रक्षा नहीं हुई, तो मुझे कार्रवाई करनी पड़ेगी। राज्यपाल के पद की लंबे समय से अनदेखी की गयी है। मुझे संविधान के अनुच्छेद 154 पर विचार करने को बाध्य होना पड़ेगा।’’ उन्होंने यह भी कहा कि तृणमूल कांग्रेस सरकार द्वारा की जा रही ‘इलेक्ट्रॉनिक निगरानी’ की वजह से उन्हें वॉट्सऐप वीडियो कॉल करने को मजबूर होना पड़ रहा है।