खबरें देश की (Rashtra Pratham): सशस्त्र बलों के लिए हथियार और सैन्य प्लेटफार्म खरीदने के लिहाज से सोमवार को जारी एक नयी नीति के तहत सरकारों के बीच रक्षा सौदों और एकल विक्रेता के साथ अनुबंधों के लिए ऑफसेट जरूरतों को समाप्त कर दिया है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
अधिकारियों ने बताया कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को नयी रक्षा खरीद प्रक्रिया (डीएपी) को जारी किया जिसमें तीनों सेनाओं को उनकी अभियान संबंधी जरूरतों के अनुसार हेलीकॉप्टर, सिमुलेटर और परिवहन विमानों जैसे सैन्य उपकरणों और प्लेटफॉर्म को लीज पर लेने की अनुमति प्रदान की गयी है क्योंकि यह उनकी खरीद के बजाय सस्ता विकल्प हो सकता है।सरकारों के बीच करारों, एकल विक्रेता के साथ अनुबंधों और अंतर-सरकारी समझौतों की रूपरेखा के तहत खरीद की ऑफसेट जरूरतों को समाप्त करने का फैसला ऐसे समय में लिया गया है, जब कुछ दिन पहले ही नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) ने ऑफसेट नीति के खराब क्रियान्वयन को लेकर नाराजगी प्रकट की थी।
ऑफसेट नीति के तहत विदेशी रक्षा उत्पादन इकाइयों को 300 करोड़ रुपये से अधिक के सभी अनुबंधों के लिए भारत में कुल अनुबंध मूल्य का कम से कम 30 प्रतिशत खर्च करना होता है। उन्हें ऐसा कलपुर्जों की खरीद, प्रौद्योगिकियों के हस्तांतरण या अनुसंधान और विकास इकाइयों की स्थापना करके करना होता है।