प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शनिवार को मनी लॉन्ड्रिंग केस में आम आदमी पार्टी (आप) के पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन की नौ दिन की रिमांड मांगी है। जांच एजेंसी ने उन्हें धोखाधड़ी, दस्तावेजों की जालसाजी और आपराधिक साजिश जैसे कई अन्य अपराधों के लिए भी गिरफ्तार किया है। इससे पहले कोर्ट द्वारा हुसैन को छह दिन की रिमांड दी गई थी।
कड़कड़डूमा कोर्ट परिसर के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत ने सोमवार (7 सितंबर) तक ईडी की रिमांड अर्जी पर आदेश सुरक्षित रख लिया है और हुसैन को न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल भेज दिया है।
ईडी ने शनिवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से हुसैन को पेश किया था। ईडी को कई औपचारिकताओं और उसकी चिकित्सा परीक्षण के कारण 29 अगस्त के बजाय 31 अगस्त को आरोपी की हिरासत मिली थी। इस बीच, हुसैन की ओर से पेश अधिवक्ता केके मनोन ने इस संबंध में विभिन्न फैसलों का हवाला देते हुए ईडी की रिमांड अर्जी का कड़ा विरोध किया।
वकील अमित महाजन और नवीन कुमार मटका ने ताहिर की अधिक दिनों की रिमांड की मांग करते हुए ईडी की ओर से पेश होकर कहा कि हुसैन ने कई कंपनियों के खातों से धोखाधड़ी करके एक आपराधिक साजिश को अंजाम दिया है। इस प्रकार प्राप्त किया गया धन अपराध की आय है जो तब विभिन्न अन्य अनुसूचित अपराधों के लिए उपयोग किया जाता था। ईडी ने अपनी दलील में कहा, हमें कई दस्तावेजों आदि के साथ उससे पूछताछ करने के लिए और रिमांड की जरूरत है।
वकीलों ने यह भी कहा कि ईडी ने विभिन्न परिसरों में तलाशी भी ली है और आरोपी के पास से कई गुप्त दस्तावेज और डिजिटल उपकरण बरामद किए गए और जब्त किए गए। याचिका में लिखा है, “व्हाट्सऐप चैट, फर्जी चालान और अन्य फर्जी दस्तावेज बरामद किए गए हैं।”