विधायक सलिल विश्नोई की पिटाई करने के मामले में एक सेवानिवृत्त आईएएस समेत पांच पुलिसकर्मियों को एक दिन के कारावास की सजा सुनाई गई। इन सभी को विशेषाधिकार हनन का दोषी पाया गया। सजा सुनाते हुए विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने कहा कि आने वाली पीढ़ियों के लिए यह एक उदाहरण बनेगा।
यह वाकया 15 सितंबर 2004 का था। कानपुर की जनरलगंज सीट के तत्कालीन विधायक सलित विश्नोई हाल में विधान परिषद सदस्य हैं, ने बिजली आपूर्ति को लेकर धरना दिया था और वह अपने साथियों के साथ डीएम को ज्ञापन देने जा रहे थे। उसी समय रास्ते में बाबूपुरवा के तत्कालीन क्षेत्राधिकारी अब्दुल समद एवं अन्य पुलिसकर्मियों ने उन्हें घेरकर मारा पीटा। अब्दुल समद ने कहा कि मैं बताता हूं, विधायक क्या होता है। आंदोलन कैसे किया जाता है। उनके साथ अभद्रता, गाली गलौज, अपमानित करते हुए लाठियां बरसाईं जिसमें विधायक के पैर में फ्रैक्चर आ गया।
यह मामला विशेषाधिकार समिति के सामने आया । परीक्षण और अवलोकन के पश्चात 28 जुलाई 2005 को समिति ने आरोपी सीओ अब्दुल समद, तत्कालीन थाना प्रभारी किदवई नगर कानपुर नगर ऋषि कांत शुक्ला, तत्कालीन उप निरीक्षक त्रिलोकी सिंह, तत्कालीन कांस्टेबल छोटे सिंह, तत्कालीन कांस्टेबल थाना काकादेव विनोद मिश्रा एवं इसी थाने के तत्कालीन कांस्टेबल मेहरबान यादव को दोषी करार दिया। यह प्रकरण चलता रहा और 27 फरवरी 2023 को समिति ने समिति ने आरोपियों पर दंड की कार्रवाई की संस्तुति करते हुए इन्हें विधानसभा के सामने पेश होने को कहा। शनिवार को सारे आरोपी सदन में पेश हुए। सदन ने सर्वसम्मति से यह निर्णय विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना पर छोड़ा । अध्यक्ष ने सभी दोषियों को एक दिन के कारावास की सजा सुना दी। कहा कि विधानसभा स्थित लॉकअप में दोषियों को रात 12:00 तक रखा जाए। आरोपियों में अब्दुल समद घटना के समय पुलिस क्षेत्राधिकारी थे पर बाद में वह पीसीएस एवं आईएएस होने के बाद सेवानिवृत हो गए थे। विदित हो कि सतीश महाना भी उस समय इस प्रदर्शन में मौजूद थे।