नारी सशक्तिकरण की नींव करें मजबूत

नारी सशक्तिकरण की बातें करती हैं तो आपको इसकी नींव भी मजबूत रखनी होगी। अपने बच्चों के सामने सही उदाहरण पेश करना होगा। सही परवरिश से अपने इस सपने को कैसे करें साकार, बता रही हैं स्वाति गौड़

भारतीय समाज शुरू से ही एक पुरुष प्रधान समाज रहा है, लेकिन यह भी सच है कि समय के साथ-साथ सोच बदल रही है। महिलाएं अपने अधिकारों को लेकर जागरूक हो रही हैं और समाज उनकी क्षमताओं को लेकर। आज महिलाएं हर क्षेत्र में अपनी सफलता के परचम लहरा रहीं हैं, ऐसे में बेटा और बेटी में फर्क करना बड़ा बेमानी-सा लगता है। अगर आप चाहती हैं कि आपकी बिटिया भी बेटे की तरह ही अपनी जिंदगी में तरक्की करे, तो छुपटन से ही दोनों को एक समान परवरिश दें, ताकि उनके मन में लड़का या लड़की होने का भाव ही न आये। दरअसल, बचपन उम्र का वह दौर होता है, जब आप जैसे चाहें अपने बच्चे के व्यक्तित्व को आकार दे सकती हैं। तो क्यों ना अपनी बेटियों को इस तरीके से पाला जाए कि उन्हें कभी यह महसूस ही ना हो कि वे लड़कों से किसी भी तरह से कम हैं।