वैश्विक महामारी कोविड-19 का असर दिल्ली विश्वविद्यालय में सत्र 2020-21 की दाखिला प्रक्रिया पर भी पड़ रहा है। ऐसा पहली बार है जब विश्वविद्यालय परास्नातक स्तर पर दाखिले के लिए साक्षात्कार और ग्रुप डिस्कशन का आयोजन नहीं करेगा। डीयू ने यह निर्णय सोशल डिस्टेंसिंग को ध्यान में रखते हुए लिया है। अभी साक्षात्कार के 15 अंक होते हैं।डीयू में स्थायी समिति के सदस्य अरुण कुमार अत्री का कहना है कि कोविड-19 से उपजी समस्या को ध्यान में रखकर जो निर्णय लिए गए हैं, उसमें कई निर्णय महत्वपूर्ण हैं। एमबीए में कैट के माध्यम से दाखिला होता है। डीयू फाइनांस से जुड़े जो एमबीए कोर्स चलाता है, उसमें कैट स्कोर के बाद साक्षात्कार या ग्रुप डिस्कशन होता था, लेकिन अब यह सीधे होगा। इसी तरह एमकॉम के अलावा एमए स्तर पर कई विषयों में साक्षात्कार होता था, लेकिन डीयू इस बार साक्षात्कार नहीं ले रहा है।हालांकि डॉ. अरुण कुमार अत्री का कहना है कि मैं साक्षात्कार के पक्ष में हूं। परास्नातक स्तर पर छात्र जूम या विभिन्न माध्यमों से साक्षात्कार दे सकते हैं। इससे छात्र के व्यक्तित्व का मूल्यांकन होता है। जैसे एमबीए का छात्र कैट के माध्यम से आया है, लेकिन एमबीए के दौरान व उसके बाद उसका व्यक्तित्व एक महत्वपूर्ण पक्ष है। इसके लिए वह ऑनलाइन साक्षात्कार दे सकता था।