एम्स ने अपने ही कोरोना पॉजिटिव स्टाफ के लिए नहीं भेजी एम्बुलेंस

नई दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में कार्यरत एक तकनीशियन ड्यूटी के दौरान कोरोना संक्रमित हो गया। टेस्ट रिपोर्ट आने के बाद उसने अपने विभाग में इसकी सूचना दी और अस्पताल में भर्ती होने के लिए एम्बुलेंस भेजने की मांग की, लेकिन अस्पताल प्रशासन ने न तो एम्बुलेंस दी और ना ही भर्ती होने के लिए बिस्तर की स्थिति बताई।करीब साढ़े तीन घंटे परेशान होने के बाद कोरोना संक्रमित ने खुद कैट्स एम्बुलेंस को फोन किया। कैट्स एम्बुलेंस ढाई घंटे बाद उनके घर पहुंची और उन्हें झज्जर एम्स में भर्ती करवाया गया। झज्जर से फोन पर आपबीती बताते हुए पीड़ित ने बताया कि वह एम्स की नई बिल्डिंग में बतौर तकनीशियन काम करते हैं। उनके यहां संक्रमितों की जांच की जा रही है। उनका एक और साथी कोरोना संक्रमित है, जिसके चलते विभाग के करीब 7 लोग क्वारंटाइन में हैं। 27 मई को वह ड्यूटी पर गए थे। दोपहर में तबीयत बिगड़ने लगी तो जांच करवाई। 28 मई को रिपोर्ट पॉजिटिव आई। गुरुवार शाम 4 बजे एम्स को फोन कर अस्पताल में भर्ती होने के लिए बिस्तर की स्थिति और एम्बुलेंस भेजने को कहा। लंबे समय बाद जवाब मिला कि आप खुद एम्स आ जाएं।आरोप है कि नोडल ऑफिसर से लेकर अन्य को सूचना दी गई, लेकिन मदद नहीं मिली। इस संबंध में जब एम्स प्रशासन से संपर्क करने की कोशिश की गई तो जवाब नहीं मिला।