उत्तराखंड के किच्छा के नगर के सैंजना गांव निवासी इमरान और उनके पिता फरियाद हुसैन ने हिंदू-मुसलमान भाईचारे की अनोखी मिसाल पेश की है। उन्होंने अपने बेटे के निकाह को अमन का पैगाम देने वाली और सौहार्द्र कायम रखने की अनूठी पहल का उदाहरण बना दिया है। हिंदुओं के घर भेजे गए निकाह के सभी कार्डों पर भगवान गणेश की फोटो लगाई गई है और न्योता भी हिंदु रीति-रिवाज की तरह ही दिया गया है। फरियाद हुसैन के चार बेटों इमरान, मो. उस्मान, जीशान और फैजान में सबसे बड़े बेटे इमरान हुसैन का निकाह पांच मार्च को है। यह निकाह भी हर निकाह की तरह ही सामान्य होगा, लेकिन जो बात इस निकाह को खास बनाती है, वह है इमरान के निकाह का कार्ड। फरियाद हुसैन ज्यादा पढ़े-लिखे नहीं हैं लेकिन उन्होंने हिंदु-मुसलमान भाईचारे का जो पाठ समाज को पढ़ाया है, वह तारीफ ए काबिल है। इमरान के निकाह के जब कार्ड छपने की बात आई तो फरियाद हुसैन ने अपने हिंदू भाइयों के लिए हिंदू रीतिरिवाज के मुताबिक ही कार्ड छपवाए। ये कार्ड जब उनके जानने वाले हिंदू भाइयों के घर गए तो सभी ने उनकी इस अनूठी पहल का दिल खोलकर स्वागत किया। इस कार्ड में हिंदुओं के रीति-रिवाज के तहत भगवान गणेश की फोटो सबसे ऊपर लगाई गई है और श्लोक भी छापे गए हैं। जब फरियाद हुसैन से इस बारे में बात की गई तो उन्होंने कहा कि हिंदू-मुसलमान आपस में भाई हैं और इस पहल से यह रिश्ता दोनों कौमों में और मजबूत हो, बस यही सोच थी। फरियाद हुसैन ने बताया कि हिंदू भाइयों के लिए मंगलवार को प्रीतिभोज का आयोजन किया गया था। अब बुधवार को मुसलमानों के लिए दावत रखी है। इमरान के चाचा मुमताज बताते हैं कि खुदा एक है, सिर्फ उसके नाम अलग-अलग हैं। हम सभी को अमन के लिए काम करना है। उम्मीद है कि परिवार की इस पहल से हिंदु-मुसलमानों के बीच भाईचारे को बढ़ाने की जो कोशिश की गई है, वह कामयाब होगी।