सरकार के 100 दिन पूरे होने पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे अयोध्या पहुंच गए हैं। उद्धव ठाकरे का स्वागत करते हुए उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। इस दौरान वो रामलला के दरबार में माथा टेकेंगे और हनुमानगढ़ी के दर्शन भी करेंगे, लेकिन उद्धव न तो सरयू आरती करेंगे न ही किसी प्रकार की जनसभा होगी।बताया जा रहा है कि कोरोना वायरस के खतरे को लेकर उनके दोनों कार्यक्रम रद्द कर दिए गए हैं। शिवसेना के प्रवक्ता संजय राउत, मुख्यमंत्री के आगमन कार्यक्रम को लेकर अयोध्या में हैं। राउत ने कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र के आह्वान के बाद भीड़भाड़ वाले कार्यक्रमों को रद्द किया गया है। मुख्यमंत्री योगी ने भी भीड़भाड़ वाले कार्यक्रमों से बचने की अपील की थी।
राउत ने कहा था कि कहीं कोई विरोध नजर नहीं आ रहा है। कोई विरोध करना चाहता है तो वह उसकी भूमिका है। लोकतंत्र में सभी को विरोध करने का अधिकार है। संत महंत भी राजनीतिक विरोध करने लगे हैं। अच्छी बात है उनमें जागरूकता आई है।
ठाणे के ओवाला-मजीवड़ा सीट से विधायक सरनाइक ने मंदिर के निर्माण के लिए अभियान चलाने में शिवसेना संस्थापक दिवंगत बाल ठाकरे के योगदान का भी जिक्र किया। सरनाइक ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के शनिवार के अयोध्या दौरे से पहले यह मांग रखी।शुक्रवार को भेजे गए दो पन्नों के पत्र में सरनाइक ने कहा कि शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने भी मंदिर निर्माण के लिए बहुत प्रचार किया है।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे के अपनी सरकार के 100 दिन पूरे होने पर अयोध्या जाने के मौके पर पार्टी ने शनिवार को कहा कि उसकी विचारधारा में कोई बदलाव नहीं आया है। अपने पूर्व सहयोगी दल भाजपा पर कटाक्ष करते हुए शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में कहा कि भगवान राम और हिंदुत्व किसी एक राजनीतिक दल की संपत्ति नहीं है।