शिवराज सरकार का बिजली महा घोटाला

Main Stories (Rashtra Pratham):-  भोपाल। मध्य प्रदेश विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेस विधायक व पूर्व मंत्री जीतू पटवारी ने ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर से किए गए एक प्रश्न में सिंगाजी ताप विद्युत परियोजना की इकाई 3 और 4 जिसकी निर्माण लागत पर 6600 करोड़ रूपए सरकार ने खर्च किए और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जी के जन्मदिवस के दिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने इसकी आधारशिला रखी लेकिन शुरू होने के 209 दिन के पहले ही टरबाईन टूट गया। जिसके बाद प्रदेश की शिवराज सरकार की बिजली खरीदी में पैसे की वसूली जारी है।

जीतू पटवारी ने बताया कि सुपर फ्रीटीकल टेक्नालाजी से कम कोयले में अधिक बिजली बनाने के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने 16 साल के शासन काल में एक मात्र पॉवर प्लांट का ही निर्माण करवा पाए जो 7,738 करोड़ में बना सबसे मंहगा प्लांट है। जिसमें 9.38 पैसे प्रति यूनिट के हिसाब से बिजली पैदा की जा रही है। जबकि कांग्रेस शासन काल में 40 साल पहले बने पॉवर प्लांट में 4.30 पैसे प्रति यूनिट के हिसाब से बिजली पैदा की जा रही है।

जीतू पटवारी ने कहा कि सिंगाजी पॉवर प्लांट की 3 लाख घंटे चलने वाली टरबाईन 30 घंटे भी नहीं चल पाई। जबकि यह इकलौता प्लांट है जहाँ 1000 किलो मीटर से कोयला आता है जिसके कोयले की कीमत 1100 रूपए प्रति टन है और प्लांट तक कोयले का परिवहन के खर्च 1900 रूपए है। जबकि इसी शिवराज सरकार ने रिलायंस को सिगरौली में ही महज 10 किलो मीटर दूर कोयला खदान दी यही रिलायंस 3.37 पैसे में बिजली पैदा कर बेंच रहा है।