जमा देने वाली ठंड और मलबे के नीचे फंसे सैकड़ों लोग

तुर्किये (पहले तुर्की) में एक के बाद एक कई भूकंप के झटकों ने भारी तबाही मचा दी है। चारों तरफ बस चीख-पुकार और दर्द का आलम है। मलबे में फंसे लोग और उन्हें निकालने की कोशिश करते लोग। जिधर नजर जा रही बस यही नजारा देखने को मिल रहा। इस भारी तबाही में लाखों लोग बेघर हो गए हैं। जमा देने वाली बारिश ने लोगों के दर्द को और बढ़ा दिया है। लोग आश्रय पाने के लिए भी काफी संघर्ष कर रहे हैं। दक्षिण-पूर्वी तुर्की के बड़े शहरों में से एक सनलिउर्फा भूकंप से काफी प्रभावित हुआ है। इस शक्तिशाली भूकंप ने ज्यादातर कुर्द क्षेत्र और पड़ोसी सीरिया में चार हजार से ज्यादा लोगों की जान ले ली है। आइए तस्वीरों में देखते हैं तुर्की में कैसे हैं हालात…?

3500 से ज्यादा इमारतें हो गईं जमींदोज

भूकंप के चलते तुर्की के 10 प्रांतों में लगभग 3,500 इमारतें जमींदोज हो गईं हैं। अब तक के आंकड़े के अनुसार, चार हजार से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं, जबकि 25 हजार से अधिक लोग घायल हैं। बड़ी संख्या में लोग लापता भी हैं।
मलबे के नीचे फंसे हैं सैकड़ों लोग
तुर्की सेना के जवाब, पुलिसकर्मी, स्थानीय लोगों के अलावा अन्य देशों से पहुंची राहत-बचाव टीम मलबे में फंसे लोगों को रेस्क्यू करने में जुटी है। बताया जाता है कि बड़ी संख्या में लोग मलबे के नीचे फंसे हुए हैं।लोगों ने सुनाई आपबीती

20 वर्षीय सीरियाई छात्र ने मीडिया को घटना की जानकारी दी। कहा, ‘एक परिवार है जो अभी मलबे के नीचे फंसा हुआ है। मैं उन्हें जानता हूं। सुबह 11 बजे तक, मेरा दोस्त फोन पर जवाब दे रहा था, लेकिन अब उसका फोन बंद आ रहा है। वह नीचे है। मुझे लगता है कि उसके फोन की बैटरी खत्म हो गई है। वह जिंदा है, लेकिन उस तक पहुंचना इतना आसान भी नहीं है। उसके सामने एक सोफे के टूटे-फूटे अवशेष, धातु की टूटी हुई टांगों वाली एक कुर्सी और कुछ फटे हुए पर्दे पड़े थे।’

छात्र ने कुछ लोगों की मदद से कंक्रीट के मलबे के एक बड़े हिस्से को उठाने की कोशिश की, जिससे वह अपने दोस्त और उसके परिवार तक पहुंच सके। लेकिन बारिश के चलते इसमें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा रहा है। छात्र आगे कहता है कि वह तब तक यहां रहेगा, जब तक अपने दोस्त को बाहर नहीं निकाल लेता।

भारत ने भेजी मदद 

भारत ने भूकंप की मार झेल रहे तुर्की को भूकंप राहत सामग्री की पहली खेप भेज दी है। प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से की गई घोषणा के कुछ घंटों बाद ही भारत ने भूकंप राहत सामग्री की पहली खेप तुर्की को भारतीय वायु सेना के विमान से भेजी है।

भारत की ओर से भेजी राहत सामग्री की खेप में एक विशेषज्ञ राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल खोज और बचाव दल शामिल है। इसमें पुरुष और महिला दोनों कर्मी, अत्यधिक कुशल डॉग स्क्वॉड, चिकित्सा से जुड़ी चीजें, उन्नत ड्रिलिंग उपकरण और सहायता प्रयासों के लिए आवश्यक अन्य महत्वपूर्ण उपकरण शामिल थे। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने यह जानकारी दी।

इससे पहले भारत सरकार ने सोमवार को भूकंप प्रभावित तुर्की को तत्काल राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की तलाशी और बचाव टीम, चिकित्सा टीम और राहत सामग्री भेजने का फैसला किया था। यह कदम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा प्रभावित देश को हरसंभव मदद देने के निर्देश के बाद उठाया गया था।

जानकारी के मुताबिक, 100 सदस्यों की दो एनडीआरएफ टीम प्रशिक्षित श्वानों और आवश्यक उपकरणों के साथ भूकंप प्रभावित इलाके में तलाशी और बचाव अभियान के लिए भेजी गई है। इसके साथ ही प्रशिक्षित चिकित्सकों और पैरा मेडिक की टीम भी आवश्यक दवाओं के साथ रवाना की गई है।